दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को डोमेन नाम का पंजीकरण करने वालों (डीएनआर) से कहा कि अगर उन्हें भारत में व्यापार करना है, तो आदेशों का पालन करना होगा.अदालत ने डीएनआर को न्यायिक आदेशों का पालन न करने के प्रति आगाह किया और कहा कि उन्हें ऑनलाइन अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी या इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा ‘ब्लॉक’ किए जाने के जोखिम के लिए तैयार रहना चाहिए.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायाधीश मिनी पुष्करणा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि डीएनआर धोखाधड़ी करने का साधन नहीं बन सकते हैं. उन्हें अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ज्ञात ट्रेडमार्क का दुरुपयोग करके पंजीकृत वेबसाइटों के मामले में सतर्क रहना चाहिए.
पीठ ने कहा कि अगर आपको भारत में व्यापार करना है, तो हम दिशानिर्देश बनाएंगे और आपको उनका अनुपालन करना होगा. हम एक तंत्र बनाएंगे. इन लोगों (डीएनआर) को अनुपालन करना होगा. हम लाखों लोगों को धोखा देने की अनुमति नहीं दे सकते. कुछ गंभीर मामले यहां चल रहे हैं. अदालत ने कहा कि देश में डीएनआर का बहुत बड़ा कारोबार है और इसे ‘घोटाला इकाई’ बनने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
अदालत ने आगे कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को नहीं बदल सकते हैं, लेकिन यदि आप भारत में काम करते हैं, तो हम आपसे कुछ मानदंडों का पालन करने को कहेंगे. यदि आप अनुपालन नहीं करते हैं तो हम एमईआईटीवाई से डीएनआर को ब्लॉक करने के लिए कहेंगे. अदालत ने इस मामले को खुद संज्ञान में लेते हुए सुनवाई शुरू की थी.