अशनीर ग्रोवर को शेयर लेनदेन से रोकने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार
अशनीर ग्रोवर को कंपनी के सह-संस्थापक शाश्वत नकरानी द्वारा बेचे गए शेयरों की बिक्री, हस्तांतरण या कोई तीसरा पक्ष अधिकार देने पर रोक लगाने से मना कर दिया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने डिजिटल भुगतान ऐप भारतपे के पूर्व प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर को कंपनी के सह-संस्थापक शाश्वत नकरानी द्वारा बेचे गए शेयरों की बिक्री, हस्तांतरण या कोई तीसरा पक्ष अधिकार देने पर रोक लगाने से शुक्रवार को मना कर दिया. हालांकि न्यायालय ने यह निर्देश दिया कि अगर ग्रोवर इन शेयरों के हस्तांतरण या देने का फैसला करते हैं तो उन्हें इस लेनदेन की पूर्व-सूचना अदालत को देनी होगी.
इसके साथ ही न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने नकरानी की तरफ से दायर अर्जी पर कोई अंतरिम रोक लगाने से असहमति जताई. इसमें ग्रोवर को शेयरों की बिक्री, हस्तांतरण से रोकने की मांग की गई थी. नकरानी ने अपनी अर्जी में कहा था कि जुलाई, 2018 में ग्रोवर के साथ हुआ मौखिक समझौता कानून एवं अनुबंध के प्रावधानों पर खरा नहीं उतरता है. यह समझौता रिसिएलेंट इनोवेशंस प्राइवेट लिमिटेड (आरआईपीएल) के 2,447 शेयरों से संबंधित है. नकरानी ने दावा किया था कि इस समझौते में उन्हें ग्रोवर से नकदी या किसी अन्य रूप में कोई क्षतिपूर्ति नहीं मिली थी.