देश की राजधानी दिल्ली को 350 नई इलेक्ट्रिक बसों की सौगात मिली है. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को इन इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई. इससे दिल्ली में ई-बसों की संख्या बढ़कर 1,650 हो गई है. साथ ही दिल्ली अब देश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक बसों वाला शहर बन गया है.
दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा कि इस कदम से दिल्ली में प्रदूषण रोकने में बड़ी मदद मिलेगी. भविष्य में भी ऐसे कदम उठाए जाएंगे. 2021 में दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक बसें खरीदने का फैसला किया था, इसका लक्ष्य अपने बेड़े की संख्या को 11,000 तक बढ़ाना है. इतना ही प्रदूषण के स्तर को कम करने की योजना के तहत 2025-26 तक सभी सार्वजनिक बसों में से 80 प्रतिशत बसों को इलेक्ट्रिक वाहन में तब्दील किया जाएगा.
दिल्ली सरकार का लक्ष्य सीएनजी बसों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का भी है. बता दें 1998 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से दिल्ली परिवहन निगम (DTC) ने अप्रैल 2002 में डीजल वाहनों की जगह सीएनजी से चलने वाली बसों को अपनाना शुरू किया था. नियम के मुताबिक दिल्ली में 15 साल से अधिक पुराना कोई भी वाहन नहीं चल सकता है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के 2016 के अध्ययन के अनुसार, दिल्ली में वाहनों के उत्सर्जन का योगदान पीएम10 लोड में लगभग 9 प्रतिशत और पीएम2.5 लोड में लगभग 20 प्रतिशत है. ये पार्टिकल्स सांस के जरिए शरीर के अंदर जाने पर पार्टिकुलेट मैटर या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है.