सर्दी बढ़ने के साथ दिल्ली में बिजली की मांग बुधवार को अबतक के रिकॉर्ड स्तर 5,611 मेगावाट पहुंच गयी. राष्ट्रीय राजधानी में बिजली वितरण करने वाली कंपनियों ने इस मांग को पूरा करने की बात कही है.
दिल्ली के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के वास्तविक समय पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पूर्वाह्न 11.08 पर बिजली की अधिकतम मांग 5,611 मेगावाट रही.
इससे पहले जाड़े में दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 5,559 मेगावाट गयी थी.
वितरण कंपनियों के अधिकारियों के अनुसार, बिजली की मांग बढ़ने का मुख्य कारण सर्दी के साथ घरों को गर्म रखने वाले उपकरणों के लिए बिजली की मांग बढ़ना है.
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान 7.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.
टाटा पावर-दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टाटा पॉवर-डीडीएल) ने बयान में कहा कि उत्तर पश्चिमी भारत में सर्दी बढ़ने के साथ वितरण कंपनी ने बिना किसी बिजली आपूर्ति व्यवधान और नेटवर्क बाधा के 1,753 मेगावाट की अधिकतम बिजली मांग को पूरा किया.
बीएसईएस के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी की वितरण कंपनियों बीआरपीएल (बीएसईएस राजधानी पावर लि.) और बीवाईपीएल (बीएसईएस यमुना पावर लि.) ने अपने-अपने क्षेत्रों में क्रमश: 2,350 मेगावाट और 1,174 मेगावाट बिजली मांग को पूरा किया.
टाटा पावर-डीडीएल की प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी का अनुमान है कि सर्दी के इस मौसम में बिजली की अधिक मांग 1,800 मेगावाट पार करेगी. इसके लिए लम्बी अवधि के समझौतों किए गये हैं. कंपनी के पास दीर्घकालीन स्रोतों से पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध है, जो अधिकतम मांग को प्रभावी ढंग से पूरा करने में मददगार होंगे.
वितरण कंपनियों के अनुसार दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग बढ़ने और इसके 5,700 मेगावाट के पार जाने का अनुमान है.
बीएसईएस ने कहा कि बीएसईएस वितरण कंपनियां सर्दियों के दिनों में अपने लगभग 50 लाख उपभोक्ताओं के लिए भरोसेमंद आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है.