आजकल साइबर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बैंकिंग प्रणाली भी इससे अछूता नहीं है. यही वजह है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को साइबर सुरक्षा को एक चुनौती बताया. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को बेहतर बनाने और साइबर हमलों को रोकने के लिए आईटी सिस्टम को मजबूत बनाया जाना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई सुपरवाइजरों की एक टीम बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) की सूचना प्रौद्योगिकी (IT) प्रणालियों का अध्ययन करती है और कमियां बताती है. इतना ही नहीं टीम की ओर से प्रबंधन को इससे बचने के जरूरी उपाय भी बताए जाते हैं. ऐसे में सभी वित्तीय संस्थानों को अपने आईटी और साइबर सुरक्षा जोखिम पर ध्यान बढ़ाना चाहिए. इसके अलावा आरबीआई का प्राथमिक जोर यह तय करना है कि वित्तीय प्रणाली लचीली और मजबूत बनी रहे और भारत उन्नत अर्थव्यवस्था की राह पर बढ़ता रहे.
उभरते जोखिमों की करें पहचान
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि बैंकिंग क्षेत्र के सभी प्रमुख खिलाडि़यों और बैंकों के वरिष्ठ प्रबंधन से बातचीत में सामने आए कि बैंकिंग और एनबीएफसी क्षेत्र में कई साइबर जोखिम सामने आए हैं. पिछले 6-8 महीनों में कम से कम दो या तीन बैंक सीईओ ने निजी तौर पर बताया है कि ये ऐसे क्षेत्र हैं जिनके बारे में वे भी चिंतित हैं. इसी की रोकथाम के लिए शक्तिकांत दास ने वित्तीय संस्थानों एवं बैंक से ऐसे उभरते जोखिमों की पहचान करने को कहा है. साथ ही अपील की है कि वे इस मामले में सक्रिय रहें.