क्रिप्टो किंग के नाम से मशहूर एवं FTX के संस्थापक सैम बैंकमैन-फ्राइड को गुरुवार को 25 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. उन पर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के ग्राहकों के 8 बिलियन डॉलर की चोरी करने का दोष साबित हो चुका है. यह फैसला अमेरिकी जिला न्यायाधीश लुईस कपलान ने मैनहट्टन अदालत में सुनाया.
न्यायाधीश लुईस कपलान ने बैंकमैन फ्राइड की भविष्य में और गलत गतिविधियों में शामिल होने की संभावना के बारे में चिंताओं पर जोर देते हुए सजा सुनाई. जज ने बैंकमैन की 11 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि जब्त करने का आदेश दिया और उसे सैन फ्रांसिस्को क्षेत्र में एक मध्यम-सुरक्षा जेल में रखने का आदेश दिया. न्यायाधीश ने मुकदमे की गवाही के दौरान उनके झूठ बोलने पर सजा सुनाई.
ग्राहकों को गुमराह करने का आरोप
सैम पर क्रिप्टो फ्रॉड के लिए कस्टमर्स का पैसा चुराने और निवेशकों को गुमराह करने का दोष साबित हुआ है. इस मामले में बैंकमैन-फ्राइड के 3 दोस्त भी दोषी पाए गए. बता दें सैम को दिसंबर-2022 में बहामास से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें अमेरिका को सौंपा गया था. बैंकमैन को नवंबर-2023 में निवेशकों और ग्राहकों के साथ 8 अरब डॉलर से ज्यादा यानी करीब 832 अरब रुपए की धोखाधड़ी का दोषी पाया गया. मैनहट्टन अदालत ने इस मामले को अमेरिका के इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक माना है.
क्या है मामला?
FTX दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एफिलिएटेड क्रिप्टो ट्रेडिंग कंपनी थी. वित्तीय गड़बड़ियों के कारण यह फाइनेंशियल मुसीबतों में घिर गई, यह दिवालिया हो गई. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सैम बैंकमैन-फ्राइड ने गुप्त रूप से FTX से उसकी ट्रेडिंग आर्म अल्मेडा रिसर्च में 10 बिलियन डॉलर के कस्टमर फंड ट्रांसफर किए थे. अल्मेडा इस फंड का इस्तेमाल ट्रेडिंग के लिए करती थी. जब ट्रेडिंग में इस फर्म को बड़ा घाटा हुआ तो क्रिप्टो पब्लिकेशन कॉइनडेस्क ने एक लीक बैलेंस शीट पर रिपोर्ट पब्लिश की थी. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद FTX के पास तीन दिनों में लगभग 6 बिलियन डॉलर की विड्रॉल रिक्वेस्ट आ गई. अचानक आई इतनी ज्यादा विड्रॉल रिक्वेस्ट से कंपनी इसे प्रोसेस नहीं कर पाई, लिहाजा एफटीएक्स ने दिवालिया घोषित होने के लिए रिक्वेस्ट डाली थी.