विदेश में रह रहे या काम कर रहे लोगों को अपने परिवार को पैसा भेजना अब सस्ता होगा. विदेश से अपने देश पैसे भेजने पर लगने वाले शुल्क यानी रेमिटेंस में कटौती की जा सकती है. दरअसल सीमा पार से भुगतान को सस्ता, तेज और अधिक सुलभ बनाने के लिए डब्ल्यूटीओ में भारत के प्रस्ताव को समर्थन मिला है. भारत ने लेनदेन लागत को कम करने के लिए तेज भुगतान प्रणाली सहित डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे की इंटरऑपरेबिल्टी और इंटरलिंक को बढ़ावा देने पर जोर दिया था. अमेरिका को छोड़कर ज्यादातर देशों ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है.
अधिकारियों ने कहा कि सीमा पार रेमिटेंस की लागत कम करने के भारत के प्रस्ताव को यूरोपीय संघ सहित विश्व व्यापार संगठन के कई सदस्यों का समर्थन मिला है. इंडोनेशिया, फिलीपींस और दक्षिण अफ्रीका ने भी ऐसे विषयों का समर्थन किया है. प्रस्ताव के अनुसार वर्क प्रोग्राम में सीमा पार से पैसे भेजने यानी रेमिटेंस की लागत, प्रवृत्तियों और विकास की समीक्षा की जानी चाहिए. भारत ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि सीमा पार रेमिटेंस लागत को कम करने से जुड़ी चुनौतियों की जांच की जाएगी. जानकारों के मुताबिक कम लेन-देन लागत से देशों के के बीच असमानता को कम करने में मदद करेगा, खासकर भारत जैसे विकासशील देशों को मदद मिलेगी. अभी वैश्विक स्तर पर पैसे भेजने की रेमिटेंस लागत औसतन 6.18% है, जिसे 3% से कम किए जाने का लक्ष्य है.
ई-कॉमर्स से जुड़े हर पहलू पर नजर
भारत का कहना है कि ई-कॉमर्स पर वर्क प्रोग्राम जारी है और इस पर कुछ सदस्यों के बीच संयुक्त तौर पर बातचीत की जरूरत नहीं है. उपभोक्ता सुरक्षा देश के लिए महत्वपूर्ण है इसलिए वाणिज्यिक लेनदेन के प्रत्येक चरण पर नजर रखी जा रही है, जिसमें पूर्व-खरीद और खरीद के बाद की चुनौतियां शामिल हैं. चूंकि आजकल सीमा पर ई-कॉमर्स में तेजी से इजाफा हो रहा है ऐसे में देशों को संयुक्त रूप से इस ओर ध्यान देना चाहिए. उन्हें ऑनलाइन संबंधित जोखिमों, जटिलताओं और उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानियों को भी देखना चाहिए.
Published - February 27, 2024, 01:18 IST
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।