अब से क्रेडिट कार्ड यूजर्स अपने पसंद का पेमेंट नेटवर्क चुन पाएंगे. RBI ने क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंकों और गैर बैंकों से कहा है कि वो अपने ग्राहकों को अलग-अलग कार्ड नेटवर्क में से अपनी मर्जी का कार्ड नेटवर्क चुनने का विकल्प दें. यह विकल्प कार्ड जारी करते समय दिया जाएगा.
क्यों उठाना पड़ा यह कदम?
आरबीआई के अनुसार, अधिकृत कार्ड नेटवर्क क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए बैंकों और गैर-बैंकिंग संस्थाओं के साथ सहयोग करते हैं. ग्राहक के कार्ड के लिए किस नेटवर्क का उपयोग किया जाए, इसका निर्णय कार्ड जारी करने वाला करता है. यह निर्णय कार्ड जारी करने वाली संस्था और कार्ड नेटवर्क के बीच समझौते से प्रभावित होता है.
समीक्षा करने पर, आरबीआई ने पाया कि कार्ड नेटवर्क और क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली संस्थाओं के बीच कुछ व्यवस्थाएं ग्राहकों के विकल्पों को सीमित कर रही थीं. इसे ध्यान में रखते हुए भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए, आरबीआई ने निर्देश दिया है कि क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली संस्था कार्ड नेटवर्क के साथ ऐसी कोई व्यवस्था या समझौता नहीं करेंगे जो उन्हें दूसरे कार्ड नेटवर्क की सेवाओं का लाभ उठाने से रोकता हो.
मौजदूा कार्ड यूजर्स को कब मिलेगा यह विकल्प
इसके अलावा ने RBI की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि कार्ड जारी करने वाले अपने ग्राहकों को कार्ड जारी करने के समय एक से ज्यादा कार्ड नेटवर्क में से चुनने का विकल्प देंगे. मौजूदा कार्ड यूजर्स के लिए, यह विकल्प अगले रिन्यूअल के समय दिया जा सकता है.
क्या है कार्ड नेटवर्क?
कार्ड नेटवर्क के तहत अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प., डायनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड, मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक Pte. लिमिटेड, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया-रुपे, और वीज़ा वर्ल्डवाइड Pte. लिमिटेड शामिल हैं.
किन पर नहीं होगा लागू यह नियम?
आरबीआई ने कहा कि कार्ड जारी करने वाले और नेटवर्क दोनों को मौजूदा समझौतों, संशोधन या नवीनीकरण के साथ-साथ नए समझौतों में इन आवश्यकताओं का पालन करना होगा. हालांकि, यह स्पष्ट किया गया कि ये निर्देश 10 लाख से कम सक्रिय कार्ड वाले क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं पर लागू नहीं होते हैं.
जारीकर्ता जो अपने खुद के अधिकृत कार्ड नेटवर्क पर क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं, उन्हें इसमें छूट दी गई है. जारी करने के समय ग्राहक की पसंद के संबंध में निर्देश 6 मार्च, 2024 से छह महीने बाद लागू होंगे.