विभिन्न नौकरियों के आवेदनों में शैक्षणिक और अन्य दस्तावेजों के संक्षिप्त विवरण (रेज्यूमे) में झूठे दावों से बचने के लिए अब नियोक्ता भर्ती करने के लिए ज्यादातर व्यक्तिगत साक्षात्कारों पर निर्भर रहने लगे हैं. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
भर्ती स्वचालन और मूल्यांकन समाधान प्रदाता हायरप्रो की रिपोर्ट के अनुसार, नौकरी ढूंढने वाले 85 फीसदी से ज्यादा अभ्यार्थी अपने दस्तावेजों में गलत दावे करते हैं. हालांकि, एक दशक पहले यह आंकड़ा 65 फीसदी था.
यह रिपोर्ट 40 लाख आवेदकों के रेज्यूमे, 3,000 भर्तियों, 3,000 से ज्यादा भर्ती प्रबंधकों को शामिल करते हुए एक सर्वे और 500 कॉरपोरेट ग्राहकों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित है.
रिपोर्ट ‘कृपया रेज्यूमे नहीं: कौशल-केंद्रित भर्ती के लिए मार्ग प्रशस्त करना’ में कहा गया कि 70 फीसदी नियोक्ता रेज्यूमे देखते हैं लेकिन ज्यादातर लोग किसी को भर्ती करने से पहले साक्षात्कार पर निर्भर रहते हैं.
हायरप्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी एस पशुपति ने कहा कि आज के नौकरी बाजार में भर्ती एक नए दृष्टिकोण की मांग करती है. केवल पारंपरिक बायोडाटा (व्यक्तिगत विवरण) पर निर्भर रहना एक जोखिम भरा प्रयास साबित हुआ है.
उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में बायोडाटा को पीछे छोड़ते हुए, कौशल मूल्यांकन एक अधिक विश्वसनीय उपकरण बन गया है और अत्यधिक प्रभावी और कुशल दृष्टिकोण साबित हुआ है. पशुपति ने कहा कि कौशल मूल्यांकन के माध्यम से चुने गए उम्मीदवार अपनी भूमिकाओं में अपने समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं.