नकदी संकट से जूझ रही एडटेक फर्म बायजू (Byju’s) की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई है. ज्यादा फंड पाने के लिए उसे और कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ेगा. सू्त्रों के मुताबिक बायजू के शीर्ष शेयरधारकों ने मांग की है कि कंपनी किसी भी पूंजी निवेश पर विचार करने से पहले कुछ शर्तों को पूरा करे. साथ ही निवेशकों ने कंपनी से 31 मार्च, 2023 को समाप्त वर्ष के लिए अपनी ऑडिटेड वित्तीय रिपोर्ट जल्द से जल्द दाखिल करने को कहा है. इसके अलावा वे चाहते हैं कि संस्थापक बायजू रवींद्रन कंपनी के संचालन पर अपने दैनिक नियंत्रण में ढील दें.
कंपनी से जुड़ी जानकारियों से परिचित एक व्यक्ति का कहना है कि मौजूदा निवेशकों के साथ मामले में आगे बढ़ने के लिए, वित्तीय वर्ष 2023 के ऑडिटेड वित्तीय विवरण की आवश्यकता होगी. सूत्रों का अनुमान है कि योजनाबद्ध अतिरिक्त लागत में कटौती के बावजूद भी कंपनी को चलाने के लिए बायजू को अगले कुछ महीनों में लगभग 120-130 मिलियन डॉलर की नई फंडिंग की जरूरत होगी. कंपनी ने अब तक एक साल से ज्यादा समय बीतने के बाद महज FY22 के परिणामों का केवल एक हिस्सा ही जारी किया है.
रंजन पई ने की थी नई फंडिंग
कुछ समय पहले बेंगलुरु के मणिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप के अध्यक्ष रंजन पई ने बायजू को लगभग 250-270 करोड़ रुपए की फंडिंग दी थी. पई की बता दें नवीनतम फंडिंग 10 नवंबर को आकाश में उनके 1,400 करोड़ रुपए के निवेश से अलग है, जिसका उपयोग अमेरिकी ऋणदाता डेविडसन केम्पनर को बायजू के ऋण को चुकाने के लिए किया गया था. बायजू ने शेयरधारकों से वादा किया था कि वह दिसंबर 2023 तक वित्त वर्ष 2023 के विलंबित परिणाम दाखिल कर देगा, लेकिन इस समय सीमा को पूरा करने की संभावना न के बराबर है.