बायजू के चार निवेशकों ने एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ के समक्ष कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ दमन और कुप्रबंधन का मुकदमा दायर किया है. इसमें मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बायजू रवींद्रन सहित संस्थापकों को कंपनी चलाने में अयोग्य घोषित करने और नया निदेशक मंडल नियुक्त करने की मांग की गई है. इसके अलावा राइट्स इश्यू को अमान्य घोषित करने की भी मांग की गई. अदालती दस्तावेजों के अनुसार, मुकदमा राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष बृहस्पतिवार शाम दायर किया गया.
निवेशक टेक स्टार्टअप में कथित ‘‘कुप्रबंधन और विफलताओं’’ के लिए बायजू के निदेशक मंडल से रवींद्रन तथा परिवार को बाहर करने की मांग कर रहे हैं. याचिका में फॉरेंसिक ऑडिट और प्रबंधन को निवेशकों के साथ जानकारी साझा करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है. दस्तावेजों के अनुसार, निवेशकों ने मौजूदा प्रबंधन को कंपनी चलाने के लिए अयोग्य घोषित करने और नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और नए निदेशक मंडल की नियुक्ति की मांग की गई है.
सूत्रों ने बताया कि याचिका में हाल ही में समाप्त हुए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर के राइट्स इश्यू को अमान्य घोषित करने और यह निर्देश देने की मांग की गई है कि कंपनी को कोई भी कॉर्पोरेट कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जो निवेशकों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी. याचिका पर टाइगर और आउल वेंचर्स सहित अन्य शेयरधारकों के समर्थन के साथ-साथ चार निवेशकों प्रोसस, जीए, सोफिना और पीक XV द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं. बायजू के शेयरधारकों की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) शुक्रवार को शुरू हुई. इसमें कथित ‘कुप्रबंधन और विफलताओं’ को लेकर संस्थापक सीईओ बायजू रवींद्रन और उनके परिवार को बाहर करने के लिए कुछ निवेशकों के प्रस्ताव पर मतदान किया जाएगा. रवीन्द्रन और उनका परिवार ईजीएम में शामिल नहीं हुए और इसे ‘प्रक्रिया के स्तर पर अमान्य’ करार दिया. सूत्रों ने कहा कि ईजीएम शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे शुरू होनी थी, लेकिन इसमें करीब एक घंटे की देरी हुई क्योंकि करीब 200 लोग (जिनमें से कुछ बायजू के कर्मचारी हैं) इसमें ऑनलाइन शामिल होना चाहते थे.