एआई की मदद से दूसरों की वीडियो या फोटो का गलत इस्तेमाल इनदिनों काफी बढ़ गया है. डीपफेक के ऐसे ही एक मामले का शिकार खुद बीएसई प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) सुंदररमण राममूर्ति हो गए हैं. उनका एक ऐसा ही फर्जी वीडियो सामने आया है, जिसमें राममूर्ति कुछ शेयरों की सिफारिश कर रहे हैं. साथ ही वे निवेश को लेकर सुझाव दे रहे हैं. आरोपियों ने उनके ऑडियो और विजुअल का दुरुपयोग कर निवेशकों को गुमराह करने की कोशिश की है. इसी को ध्यान में रखते हुए बीएसई ने गुरुवार को बयान जारी कर लोगों को आगाह किया है.
बीएसई ने कहा कि उसके संज्ञान में कुछ ऐसे वीडियो एवं ऑडियो आए हैं जिनमें उसके शीर्ष अधिकारी कथित तौर पर कुछ शेयरों और निवेश के बारे में सुझाव देते हुए नजर आ रहे हैं.एक्सचेंज ने इन वीडियो एवं ऑडियो को नकली, अनधिकृत और धोखाधड़ी वाले बताते हुए कहा कि इन्हें हाईटेक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से तैयार किया गया है. उसके प्रमुख फेसबुक या किसी अन्य सोशल मीडिया मंच के जरिए ऐसे किसी भी संचार की शुरुआत या समर्थन नहीं करते हैं. ऐसे में इन फर्जी वीडियो से सावधान रहना चाहिए
बीएसई ने निवेशकों से ऐसे वीडियो एवं ऑडियो पर भरोसा न करने और राममूर्ति का रूप धारण करके भ्रामक तरीकों से प्रसारित फर्जी सलाहों से दूर रहने को कहा है. बीएसई का कहना है कि वह अज्ञात तत्वों की ओर से की गई ऐसी गलत बातों के प्रसर को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगा. साथ ही निवेशकों को बताया कि विभाग की ओर से कोई भी आधिकारिक सूचना महज आधिकारिक वेबसाइट और एक्सचेंज के सोशल मीडिया हैंडल से ही जारी की जाती है.
क्या होता है डीपफेक वीडियो?
डीपफेक वीडियो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल से बनया जाता है. इसके तहत मुख्य कंटेंट में हेराफेरी की जाती है. इसमें ओरिजनल व्यक्ति की तस्वीर या वीडियो से छेड़छाड़ की जाती है. इससे गलत सूचना फैलने और संबंधित व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचने का खतरा होता है.
एनएसई भी जारी कर चुका है चेतावनी
इसके पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने भी 10 अप्रैल को अपने एमडी एवं सीईओ आशीष कुमार चौहान की शेयर सुझाव वाले डीपफेक वीडियो के खिलाफ एक बयान जारी किया था. इसमें निवेशकों को सतर्क रहने की बात कही थी.