ब्रिटेन की खाद्य निगरानी संस्था (FSA) ने भारत से सभी मसालों के आयात कड़ी जांच शुरू कर दी है. दो भारतीय ब्रांड के खिलाफ आरोपों के बाद वैश्विक खाद्य नियामकों के बीच चिंता है. इस बीच सभी भारतीय मसालों की जांच तेज करने वाली यह पहली संस्था बन गई है. हांगकांग ने पिछले महीने MDH के तीन मसाला मिश्रणों और एवरेस्ट के एक मसाला मिश्रण की बिक्री को रोक दिया था.
क्या था मामला
इन दोनों ब्रांड पर आरोप लगा था कि उनमें कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड का उच्च स्तर था. सिंगापुर ने भी एवरेस्ट को मसाले वापस लेने को कहा और न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वे दोनों ब्रांड से संबंधित मुद्दों पर विचार कर रहे हैं. हालांकि MDH और एवरेस्ट ने कहा है कि उनके उत्पाद उपभोग के लिए सुरक्षित हैं.
सबसे कड़ी कार्रवाई
सभी भारतीय मसालों को प्रभावित करने वाली अब तक की सबसे कड़ी कार्रवाई में UK की खाद्य मानक एजेंसी (FSA) ने कहा कि चिंताओं के मद्देनजर उसने “भारत के मसालों में कीटनाशक अवशेषों के लिए अतिरिक्त नियंत्रण उपाय लागू किए हैं जिनमें एथिलीन ऑक्साइड भी शामिल है”. एजेंसी ने यह नहीं बताया कि वह क्या कदम उठा रही है. FSA में खाद्य नीति के उप निदेशक जेम्स कूपर ने रॉयटर्स को दिए एक बयान में कहा, “यहां एथिलीन ऑक्साइड के उपयोग की अनुमति नहीं है.
सबसे बड़ा निर्यातक
भारत के मसाला बोर्ड, जो निर्यात को नियंत्रित करता है, ने इस पर तुरंत कोई जवाब नहीं दिया. भारत दुनिया में मसालों का सबसे बड़ा निर्यातक, उपभोक्ता और उत्पादक है. ऑब्जर्वेटरी ऑफ इकोनॉमिक कॉम्प्लेक्सिटी वेबसाइट के आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में ब्रिटेन ने 12.8 करोड़ डॉलर मूल्य के मसालों का आयात किया, जिसमें भारत का योगदान लगभग 2.3 करोड़ डॉलर था.
मसालों का परीक्षण
MDH और एवरेस्ट अपने उत्पादों को अमेरिका, यूरोप, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और ऑस्ट्रेलिया सहित कई क्षेत्रों में निर्यात करते हैं. भारतीय नियामकों ने सभी मसाला उत्पादों का परीक्षण भी किया है और MDH और एवरेस्ट उत्पादों के नमूनों का निरीक्षण किया है. हालांकि अभी तक कोई परिणाम सार्वजनिक नहीं किया गया है.