पैकेज्ड खाना और दूसरी रोजमर्रा की घरेलू वस्तुएं बेचने वाली बड़ी कंपनियां लोकल ब्रांड से बाजार हिस्सेदारी चाहती है. स्थानीय ब्रांड को मात देने के लिए इन कंपनियों ने अपनी कीमतों में कटौती की है और प्रचार के लिए मार्केंटिंग निवेश को बढ़ा दिया है.
हिंदुस्तान यूनिलीवर, पारले प्रोडक्ट्स, मैरिको और अदानी विल्मर जैसी कंपनियों को क्षेत्रीय और छोटी असंगठित कंपनियों कड़ी टक्कर दे रही है. यह कंपनियां कम कीमत वाले उत्पादों के साथ उनकी बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा कर रहे हैं. कमजोर मांग के बीच इन बड़ी कंपनियों के लिए यह एक तरह से दोहरी मार बन गई थी.
लोकल ब्रांड को मात देने के लिए ज्यादातर बड़ी कंपनियों ने पिछले छह से नौ महीनों में अपने उत्पाद की कीमतें कम कर दी हैं या पैक का वजन बढ़ा दिया है. इन्होंने विज्ञापन और प्रचार गतिविधियों को भी बढ़ा दिया है.
उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि वे पहले से ही बिक्री पर असर देख रहे हैं, जिसे आने वाली तिमाहियों में मांग में अपेक्षित सुधार के साथ बढ़ने की उम्मीद है. बिस्किट प्रमुख पारले प्रोडक्ट्स के वरिष्ठ श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने कहा, “कंपनियों ने पिछले सितंबर से छोटे पैक का वजन बढ़ाना शुरू कर दिया है, जिससे हमने पिछली तिमाही में छोटे खिलाड़ियों की तुलना में बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी के कुछ शुरुआती परिणाम देखे हैं.
पिछली तिमाही में कंपनी ने बिक्री की मात्रा में 8-10% और मूल्य में 4-5% की बढ़त दर्ज की थी. यह लाभ इस बात का संकेत हैं इन कंपनियों को छोटी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी मिल रही है. यह सिलसिला जनवरी में भी जारी रहा.
शाह को उम्मीद है कि जिन श्रेणियों में कीमतें गिरी हैं या वजन बढ़ा है, वे अगले चार से पांच महीनों में छोटे ब्रांडों के मुकाबले मुद्रास्फीति-पूर्व स्तर तक पहुंच जाएंगी. मार्केट लीडर हिंदुस्तान यूनिलीवर ने कहा कि उसे उम्मीद है कि कीमत में सुधार और डिटर्जेंट बार में पैक वजन में बढ़ोतरी से उसे स्थानीय खिलाड़ियों के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी. कंपनी उत्पादों में निवेश भी जारी रखेगी और उम्मीद करेगी कि बाजार की मौजूदा स्थिति में सुधार होने पर इसका लाभ मिलेगा.
मैरिको ने कहा कि उसके पैराशूट हेयर ऑयल की मात्रा वृद्धि से पिछली तिमाही में सुधार हुआ है. भारत की सबसे बड़ी खाद्य तेल कंपनी, अदानी विल्मर ने कहा कि ब्रांडेड तेल की वृद्धि पिछले साल की तुलना में इस साल दोगुनी हो गई है. वित्त वर्ष 2013 में 8 फीसद की तुलना में ब्रांडेड बिक्री 16 फीसद की दर से बढ़ रही है