बोर्नविटा (Bournvita) जैसे प्रोडक्ट अब ‘हेल्थ ड्रिंक’ की केटेगरी में नहीं आएंगे. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा है कि वे अपनी वेबसाइट और प्लेटफॉर्म से बोर्नविटा सहित सभी पेय पदार्थों को ‘हेल्थ ड्रिंक’ की कैटेगरी से हटा दें. साथ ही विभाग ने कहा है कि सभी कंपनियां अपने प्रोडक्ट की समीक्षा करें और इसे सही केटेगरी में डालें.
मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक लीगल बॉडी की जांच में पाया कि इस तरह के पेय ‘हेल्थ पेय’ नहीं हैं. दरअसल, मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के पेय पदार्थों को बिक्री के कारण कंपनी हेल्थ पेय की कैटेगरी में रखती है, जो अनुचित है.
FSSAI ने भी दिया था निर्देश
मंत्रालय ने 10 अप्रैल को यह एडवाइजरी जारी किया था. इससे पहले, 2 अप्रैल को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने फूड प्रोडक्ट्स को सही कैटेगरी में डालने के लिए कहा था. नियामक ने यह भी कहा था कि पेय पदार्थों की बिक्री बढ़ने के लिए उसे गलत तरीके से हेल्थ ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक बताना गलत है.
गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में भारतीय एनर्जी ड्रिंक और स्पोर्ट्स ड्रिंक का मजबूत बाजार है. मार्केट में इसका साइज करीब 4.7 बिलियन डॉलर है, जिसके 2028 तक 5.71 फीसद की CAGR ग्रोथ के साथ से बढ़ने का अनुमान है.
बोर्टाविटा को NCPCR भी भेज चुका है नोटिस
गौरतलब है कि बोर्नविटा के हेल्थ ड्रिंक मामले को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं. पिछले साल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बोर्नविटा बनाने वाली कंपनी मोंडेलेज इंटरनेशनल इंडिया लिमिटेड को इसमें बड़ी मात्रा में शुगर होने के साथ-साथ बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों के मौजूद होने को लेकर नोटिस भी भेजा था. ऐसे में, आयोग का कहना था कि अपने प्रोडक्ट की समीक्षा करें और पैकेजिंग से हेल्दी पेय का टैग हटाएं.