बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra) ने बीते वित्त वर्ष में कुल कारोबार तथा जमा जुटाने के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हासिल की है जब ज्यादातर सरकारी बैंक दो अंकीय बढ़ोतरी हासिल करने के लिए संघर्ष करते नजर आए. इतना ही नहीं बीओएम ने इस बार देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई को पीछे छोड़ दिया है.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पुणे मुख्यालय वाले बैंक ऑफ महाराष्ट्र का कुल घरेलू कारोबार बीते वित्त वर्ष 2023-24 में 15.94 फीसद बढ़ा है. इसके बाद देश का सबसे बड़ा सार्वजिनिक क्षेत्र का बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) है जिसने 13.12 फीसद की वृद्धि दर्ज की है. हालांकि, मूल्य के हिसाब से एसबीआई का कुल कारोबार (जमा और अग्रिम) बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) के 4,74,411 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 16.7 गुना अधिक होकर करीब 79,52,784 करोड़ रुपये रहा है.
इसी तरह बीते वित्त वर्ष में जमा जुटाने में भी बीओएम की वृद्धि दर सबसे अच्छी रही है. बीते वित्त वर्ष में बीओएम की जमा वृद्धि 15.66 फीसद रही. इसके बाद एसबीआई (11.07 फीसद), बैंक ऑफ इंडिया (11.05 फीसद) और केनरा बैंक (10.98 फीसद) का स्थान रहा. बीते वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से केवल ये चार बैंक जमा के मामले में 10 फीसद से अधिक की वृद्धि हासिल कर पाए हैं.
कम लागत की कासा (चालू खाता बचत खाता) जमा के मामले में भी बैंक ऑफ महाराष्ट्र 52.73 फीसद की वृद्धि के साथ शीर्ष पर रहा. इसके बाद 50.02 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का स्थान रहा. कासा जमा से बैंकों को अपने कोष की लागत को निचले स्तर पर रखने में मदद मिलती है.
कर्ज वृद्धि के मामले में कोलकाता का यूको बैंक 16.38 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बीओएम से थोड़ा बेहतर स्थिति में था. इसके बाद 16.30 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बीओएम का स्थान रहा. एसबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 में अग्रिम के मामले में 16.26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. बीते वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों की कर्ज वृद्धि 16 प्रतिशत से कम रही.
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