बांग्लादेश तनाव से भारतीय कंपनियां हलकान; डाबर, अडानी पावर जैसी दिग्गज कंपनियों ने अपनाई ये स्ट्रेटजी
बांग्लादेश में बढ़ते तनाव को लेकर निर्यातकों ने चिंता जताई है कि मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता हालात को और खराब कर सकती है. ऐसे में भारतीय कंपनियां मामले पर नजर बनाए हुए हैं.
बांग्लादेश में बढ़ते तनाव ने भारत की दिग्गज कंपनियों की भी नींदें उड़ा दी है. डाबर से लेकर अडानी पावर और हीरो मोटो कॉर्प तक का कारोबारा बांग्लादेश से जुड़ा हुआ है. ऐसे में वर्तमान हालात कंपनियों को चिंता में डाल रही है. यही वजह है कि ये कंपनियां मामले पर अपनी नजरें बनाए हुए हैं साथ ही अपने व्यावसायिक हितों पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कर रही हैं. बांग्लादेश तनाव का असर भारतीय स्टॉक्स पर भी देखने को मिले. मैरिको के शेयरों में जहां 6.5 प्रतिशत की गिरावट आई, वहीं कुछ दूसरी कंपनियों के शेयर भी लुढ़के हैं.
निर्यातकों ने चिंता जताई है कि मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता हालात को और खराब कर सकती है. इस समस्या से निपटने के लिए भारत की प्रमुख कंपनियां जैसे-डाबर, अदानी पावर, मैरिको, हीरो मोटोकॉर्प और टीवीएस मोटर आदि कारोबार की समीक्षा कर रहे हैं. शेख हसीना के इस्तीफे और वहां से पलायन के बाद से बांग्लादेश के लिए भारत से विमान सेवा बंद कर दी गई थी लेकिन टाटा समूह की एयरलाइंस- एयर इंडिया और विस्तारा ने दोबारा ढाका के लिए उड़ानें शुरू करने का फैसला किया है.
अडानी पावर जारी रखेगा बिजली आपूर्ति
अडानी पावर झारखंड के गोड्डा संयंत्र से बांग्लादेश को 1,495 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति करती है. बांग्लादेश में चल रहे तनाव के बावजूद कंपनी ने अपनी सप्लाई जारी रखी हुई है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि अडानी पावर ने बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) के साथ बिजली खरीद समझौता किया था. ऐसे में कंपनी बीपीडीबी की ओर से दिए गए शेड्यूल के तहत बिजली की सप्लाई बिना किसी व्यवधान के जारी रखेगी.
घटनाक्रम पर रख रहें नजर
दोपहिया वाहन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हीरो मोटोकॉर्प और टीवीएस मोटर के पास स्थानीय फर्मों के साथ साझेदारी में बांग्लादेश में असेंबली प्लांट हैं. वर्तमान में वे काम पहले की तरह जारी रख रहे हैं, लेकिन कंपनी मामले पर लगातार अपनी नजर बनाए हुए है. वहीं भारतीय दूरसंचार प्रमुख भारती एयरटेल, जो स्थानीय वायरलेस टेलीफोनी फर्म रॉबी एक्सियाटा में 28% हिस्सेदारी रखती है, यह भी घटनाक्रम पर कड़ी नजर बनाए हुए है. इसके अलावा डाबर और मैरिको भी अपने इंटरनेशनल कारोबार पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित है. ऐसे में वे मामले पर नजर रख रहे हैं.