दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी एप्पल ने बड़े पैमाने पर छंटनी की है. अमेरिकी कंपनी ने 600 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. कंपनी ने कैलिफोर्निया एम्पलॉयमेंट डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के पास फाइलिंग में इसके बारे में जानकारी दी. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार छंटनी का शिकार हुए लोगों में कम से कम 87 कर्मचारी एप्पल की सीक्रेट फैसिलिटी में काम कर रहे थे. बाकी कार प्रोजेक्ट से जुड़े हुए थे. ये छंटनी कंपनी के कैलिफोर्निया दफ्तर में हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने छंटनी का यह निर्णय कार और स्मार्टवॉच डिस्प्ले प्रोजेक्ट को बंद करने के चलते लिया है. एप्पल ने वर्कर एडजस्टमेंट एंड रिट्रेनिंग नोटिफिकेशन (वार्न प्रोग्राम) के अनुपालन में आठ अलग-अलग फाइलिंग में कर्मचारियों की छंटनी के बारे में जानकारी दी. छंटनी का असर नेक्स्ट-जेनरेशन स्क्रीन डेवलपमेंट पर काम कर रहे कर्मचारियों और कार प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों पर पड़ा है.
भारी लागत के चलते बंद किया प्रोजेक्ट
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ये प्रोजेक्ट बंद करने का फैसला अचानक नहीं लिया है. एप्पल के अधिकारियों ने कार परियोजना की भारी लागत से जूझते हुए इसे खत्म करने का मन बनाया है. इसके अलावा डिस्प्ले स्क्रीन पहल को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था, जिसमें इंजीनियरिंग से जुड़ी समस्याएं, विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं को सेफ करने में दिक्कतें और उत्पादन लागत को नियंत्रण में रखना शामिल है.
औंधे मुंह गिरा शेयर
एप्पल की ओर से की जा रही इस छंटनी का असर अमेरिकी शेयर बाजार पर भी पड़ा. गुरुवार को एप्पल का शेयर 0.49 फीसदी लुढ़ककर 168.82 डॉलर पर पहुंच गया. उसके बाद कंपनी का एमकैप 2.61 ट्रिलियन डॉलर था. इस वैल्यूएशन के साथ एप्पल सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट से पीछे है और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी है.