अनिल अंबानी की Reliance Infrastructure की सब्सिडियरी कंपनी Delhi Airport Metro Express Private Limited यानी DAMEPL को मिलने वाली 8000 करोड़ रुपए की आर्बिट्रल अवॉर्ड की रकम से जुड़े फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कंपनी को ये रकम Delhi Metro Rail Corporation यानी DMRC से मिलने वाली थी. सुप्रीम कोर्ट ने High Court की बेंच के फैसले को बरकरार रखा है जिसमें कहा गया था कि DMRC के खिलाफ आर्बिट्रल अवॉर्ड को पेटेंट अवैधता का सामना करना पड़ा.
नीचे आया स्टॉक
दरअसल 2021 में SC ने कहा था कि arbitral tribunal के फैसले के चुनौती नहीं दी जा सकती और award को बरकरार रखा था. लेकिन DMRC ने इस मामले में curative petition दाखिल की थी जिस पर DMRC के हक में फैसला दिया गया था. इस फैसले के बाद 10 अप्रैल को Reliance Infrastructure के शेयर में 20 फीसदी का निचला सर्किट लग गया और शेयर ने 227.60 पैसे का निचला स्तर छुआ है
सुप्रीम कोर्ट ने मानी गलती
डीएमआरसी द्वारा दायर एक सुधारात्मक याचिका को स्वीकार करते हुए, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस बीआर गवई और सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप करके गलती की, जिसने डीएमआरसी के खिलाफ पारित आर्बिट्रल अवार्ड को रद्द कर दिया था. पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था.
क्या था पूरा मामला
दरअसल कॉन्ट्रैक्ट पीरियड पूरा होने से पहले एयरपोर्ट मेट्रो लाइन चलाने का कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने के बावजूद दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के स्वामित्व वाली DAMEPL को टर्मिनेशन फीस का भुगतान नहीं किया था. मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, DMRC जुलाई 2013 से DAMEPL द्वारा निर्मित या स्थापित परियोजना संपत्तियों के साथ-साथ परियोजना के राजस्व का उपयोग कर रहा है.
विवाद को 2017 में मध्यस्थता के लिए भेजा गया था, जिसमें ट्रिब्यूनल ने DAMEPL के पक्ष में फैसला सुनाया. पुरस्कार के खिलाफ डीएमआरसी की चुनौती को मार्च 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने खारिज कर दिया था. हालांकि, यह लेटर्स पेटेंट अपील में सफल रहा, जिसमें अवार्ड को खारि कर दिया गया था. इसके बाद DAMEPL ने मामले पर अंतिम फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर, 2021 को हाई कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए मामले का निपटारा किया और ट्रिब्यूनल द्वारा पारित मूल फैसले को बरकरार रखा.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।