अकासा एयर पिछले कुछ समय से पायलटों के अचानक नौकरी छोड़ने से संकट में आ गई थी, मगर अब स्थिति में सुधार आ रहा है. ये बात खुद एयरलाइन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) विनय दुबे ने कही. ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए एयरलाइन कंपनियों के बीच सीमित आपसी भर्ती (नो-पोचिंग) समझौते की बात सामने आ रही थी. हालांकि हालांकि दुबे ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एयरलाइन उद्योग के स्तर पर कुछ भी करने की जरूरत है. पायलटों को भी अन्य कर्मचारियों की तरह अपनी पसंद की किसी भी एयरलाइन के लिए काम करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए.
दुबे ने एक एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि अप्रैल में कंपनी के पास लगभग 330 पायलट थे. इसके बाद लगभग 40 पायलट नोटिस अवधि को पूरा किए बिना ही चले गए. आज अकासा के पास 450 से ज्यादा पायलट हैं. अप्रैल से आज तक कंपनी करीब एक तिहाई अतिरिक्त पायलटों की भर्ती कर चुकी है. उन्होंने उम्मीद जताई कि दिसंबर में कंपनी का नेटवर्क 10 प्रतिशत बढ़ेगा और फिर मार्च तक इसमें 33 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी होगी. बता दें अकासा एयर वर्तमान में लगभग 700 साप्ताहिक उड़ानें संचालित करती है और वित्तीय वर्ष के अंत तक 25 विमानों का बेड़ा रखने का लक्ष्य है.