अदानी-हिंडनबर्ग मामले को सामने आए भले ही काफी वक्त हो गया हो, लेकिन मसला अभी खत्म नहीं हुआ है. बाजार नियामक सेबी की जांच को मंजूरी देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. इसके खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि सेबी की जांच में कई खामियां है और नियमों को नजरअंदाज किया गया है.
याचिकाकर्ता अनामिका जयसवाल का कहाना है कि 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश की समीक्षा की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट के कुछ सकारात्मक बयानों के बावजूद यह जांचने की जरूरत है कि क्या सेबी की जांच सही है. बता दें सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में सेबी को तीन महीने में जांच पूरी करने को कहा था. सेबी ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि 24 में से 22 जांच अंतिम थीं और 2 की जांच बाकी थी. सेबी ने जिन 22 पर फाइनल रिपोर्ट सौंपी थी, उनमें स्टॉक की कीमतों में हेरफेर पर दो, संबंधित पार्टी लेनदेन का खुलासा करने में विफलता पर 13, अंदरूनी व्यापार नियमों के उल्लंघन पर पांच और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) और अधिग्रहण और अधिग्रहण पर नियमों के उल्लंघन पर एक-एक रिपोर्ट शामिल है.
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि सेबी ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में महज 24 जांचों की स्थिति को पूरी या अधूरे के रूप में अपडेट किया है और इसमें की गई कार्रवाई पर किसी भी निष्कर्ष या विवरण का खुलासा नहीं किया. जब तक सेबी जांच के निष्कर्षों को सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट नहीं किया जाता, तब तक यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि जांच पूरी तरह से सही है.
बता दें अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अदानी समूह पर धोखाधड़ी और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाया था. इसके बाद से अदानी समूह के शेयर काफी गिर गए थे. मामले में बाद में संसद और सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और आरोपों की जांच के लिए जांच बिठाई थी.