अदानी समूह की अधिकांश कंपनियों ने अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोप की जांच को लेकर नोटिस मिलने से इनकार किया है लेकिन समूह की ही नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अदानी ग्रीन एनर्जी ने इस जांच से अवगत होने की बात कही है. अदानी ग्रीन एनर्जी ने मंगलवार को कहा कि एक असंबद्ध तीसरे पक्ष द्वारा अमेरिकी भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के संभावित उल्लंघन की जांच से वह परिचित है. हालांकि, कंपनी ने कथित तीसरे पक्ष के साथ कोई संबंध होने से इनकार किया है.
देश के शेयर बाजारों ने अदानी समूह की कंपनियों से उस मीडिया रिपोर्ट पर टिप्पणी करने को कहा था जिसमें अदानी समूह की किसी इकाई के कथित तौर पर रिश्वतखोरी में शामिल होने की अमेरिका में जांच किए जाने की बात कही गई थी. इस संदर्भ में समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों ने शेयर बाजारों को अलग-अलग जवाब भेजा है. उन्होंने इस रिपोर्ट को ‘गलत’ बताते हुए कहा है कि उन्हें रिश्वतखोरी के आरोप पर अमेरिकी न्याय विभाग का कोई नोटिस नहीं मिला है.
हालांकि, अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने एक सूचना में कहा कि उसे कोई नोटिस नहीं मिला है, लेकिन वह ‘तीसरे पक्ष द्वारा अमेरिकी भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के संभावित उल्लंघन की अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा जांच के बारे में अवगत है.’
कंपनी ने कहा, ‘हमारा उक्त तीसरे पक्ष के साथ कोई संबंध नहीं है और इस तरह अमेरिका की मौजूदा जांच के दायरे पर टिप्पणी करने में असमर्थ हैं कि कंपनी या उसका कोई भी कर्मी तीसरे पक्ष के साथ कथित लेनदेन के संबंध में है या उसके संपर्क में है.’ अदानी ग्रीन एनर्जी ने इस जवाब में जांच की प्रकृति या आरोपों का ब्योरा नहीं दिया है।
इस मुद्दे पर वित्तीय सेवा कंपनी जेपी मॉर्गन ने अपने एक नोट में कहा कि इस जांच से संबंधित ब्योरा ‘बहुत कम है और इस जांच से किसी सफल अभियोजन तक नहीं पहुंचा जा सकता है. हालांकि इसका सीमित वित्तीय/मौलिक प्रभाव पड़ सकता है।’’
जेपी मॉर्गन ने कहा, ‘इस बारे में आई खबरों को सच मानते हुए हमारी राय है कि अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) से ऐसी जांच का कानूनी आधार बनता है.’ जेपी मॉर्गन ने कहा, ‘अदानी समूह के अमेरिकी डॉलर बॉन्ड जारीकर्ताओं की प्रोफाइल के आधार पर यह इकाई अदानी ग्रीन एनर्जी से संबंधित हो सकती है.’
अमेरिका का एफसीपीए कानून लेखांकन धोखाधड़ी/ आंतरिक नियंत्रण से संबंधित प्रावधानों के अलावा अमेरिकी और विदेशी व्यक्तियों एवं कंपनियों को कारोबार जुटाने या उसे बनाए रखने के लिए विदेशी अधिकारियों को भ्रष्ट भुगतान करने से रोकता है. अमेरिका में सूचीबद्ध या अमेरिकी निवेशकों को प्रतिभूतियां जारी करने वाली कंपनियां इसके दायरे में आ सकती हैं. अमेरिकी न्याय विभाग और प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) दोनों को इस कानून के तहत प्रवर्तन अधिकार हासिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि अडाणी समूह की एक कंपनी संभावित रूप से ‘एक ऊर्जा परियोजना पर अनुकूल आचरण के लिए भारत में अधिकारियों को भुगतान करने’ में कथित तौर पर शामिल थी. हालांकि, ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि भारत में जारी विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा निविदाओं में शामिल उच्चस्तर की पारदर्शिता को देखते हुए महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की गुंजाइश बहुत कम लगती है.
एफसीपीए के रिश्वत-रोधी प्रावधानों के तहत दोषी कंपनी पर 20 लाख डॉलर या मौद्रिक लाभ की दोगुनी राशि का जुर्माना लगाया जा सकता है जबकि व्यक्तियों के मामले में यह पांच साल तक की कैद और 2.5 लाख डॉलर का जुर्माना या मौद्रिक लाभ का दोगुना हो सकता है.
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