अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि देश में 15 साल पुरानी गाड़ियां नहीं चल सकती हैं. हालांकि लोकसभा में इस बात का खंडन करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जबाव दिया है. नितिन गडकरी ने बताया कि देश में 15 साल या उससे पुराने वाहनों पर प्रतिबंध नहीं है. हालांकि सिर्फ दिल्ली-NCR में सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहन और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों के चलने पर रोक लगाई है. नितिन गडकरी ने एक सवाल के जवाब में राज्य सभा में यह जानकारी दी है.
क्या था सुप्रीम कोर्ट का आदेश?
एनजीटी ने 2015 में 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था. 2018 ने सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के इस आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर इस फैसले को सही ठहराया था. दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इन वाहनों को तत्काल प्रभाव से बैन करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने ऐसे वाहनों की सूची वेबसाइट पर डालने को भी कहा था.
कितनी सफल रही स्क्रैपिंग पॉलिसी? सरकार पुराने वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के लिए स्क्रैपिंग पॉलिसी लाई थी. स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत सरकार गाड़ी बदलने के लिए इंसेंटिव देती है जिससे लोग अपनी पुरानी गाड़ियों को कबाड़ में बेचने के लिए तैयार हो जाएं. हालांकि सरकार की यह पॉलिसी भी ज्यादा सफल नहीं हो पाई. एक दूसरे सवाल के जवाब में नितिन गडकरी ने बताया कि 30 नवंबर तक स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत सिर्फ 44,852 वाहन स्क्रैप किए गए हैं. इन वाहनों में 28,050 वाहन सरकारी थे.
दरअसल शुरुआती रजिस्ट्रेशन करने के 15 साल बाद सरकारी वाहनों का रजिस्ट्रर्ज व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटीज पर स्क्रैप करवाना अनिवार्य है.
क्या है स्क्रैपिंग पॉलिसी? स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत स्क्रैपिंग के लिए दी जाने वाली गाड़ी पर शोरूम कीमत की 4-6 फीसदी वैल्यू मिलेती है. इसके अलावा नई गाड़ी खरीदने पर अगर स्क्रैप सर्टिफिकेट दिया जाता है तो इस पर 5 फीसदी तक डिस्काउंट मिल सकता है. साथ ही इस पॉलिसी में रोड टैक्स पर 25 फीसदी डिस्काउंट समेत दूसरे ऑफर भी मिलते हैं.
क्यों नहीं सफल हो पाई पॉलिसी?
स्क्रैपिंग पॉलिसी का मकसद अच्छा है, लेकिन बाजार के जानकारों के मुताबिक ये इनसेंटिव्स इतने बड़े नहीं हैं कि लोग अपनी पुरानी गाड़ियां छोड़ने के लिए तैयार हो जाएं. इसके अलावा लोगों में जागरुकता की कमी को भी इस पॉलिसी के असफल होने का कारण बताया गया.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।