कोरोना के इलाज के लिए पर्सनल लोन लाने वाली योजना का आखिरीकार ऐलान हो गया है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया देश का पहला बैंक बन गया है जिसने कोरोना के इलाज के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के मई में ऐलान किए 50 हजार करोड़ रुपये के लिक्विडिटी पूल के तहत पर्सनल लोन का ऐलान किया है.
देश के सबसे बड़ा बैंक ने इस पर्सनल लोन की सुविधा 11 जून से शुरू की है.
SBI चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा, “हमें SBI कवच पर्सनल लोन स्कीम का ऐलान करते हुए बेहद खुशी हो रही है. इससे कोविड-19 महामारी से प्रभावित परिवारों को 5 लाख रुपये तक का कर्ज मिल पाएगा. हमारा विश्वास है कि स्कीम से लोग कोविड-19 के इलाज पर आने वाले खर्च का वहन करने में वित्तीय मदद मिलेगी.”
SBI इस लोन पर 8.5 फीसदी ब्याज दर चार्ज करेगा. इस लोन को अधिकतम 5 साल के अंदर चुकाना होगा. गौरतलब है कि सभी बैंक अपने हिसाब से ब्याज दर तय कर सकते हैं, हालांकि, RBI ने भी सीमा तय की है.
सरकारी बैंक इस तरह 25 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक के अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन दे सकते हैं. कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए सैलरीड क्लास, पेंशन पाने वाले या अन्य नॉन-सैलरीड क्लास के लिए भी ये लोन सुविधा उपल्बध है.
कोरोना के इलाज पर पहले हुआ खर्च और आगे होने वाले खर्च भी इस लोन के अंतरगत कवर होंगे. इस अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन के जरिए लोगों को परिवारों के मेडिकल खर्च से निबटने में मदद मिलेगी.
ये लोन रिजर्व बैंक द्वारा बनाई गई कोविड रिलीफ कोविड लोन बुक का हिस्सा होगा. सभी कमर्शियल बैंकों को ये लोन बुक बनानी है. इस कर्ज पर 3 महीने का मोरेटोरियम भी दिया जाएगा.
इन खास पर्सनल लोन के साथ ही बैंक अस्पतालों और हेल्थकेयर सेंटर्स में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 2 करोड़ रुपये तक का कर्ज देंगे.
इन लोन पर अधिकतम 7.5 फीसदी का सालाना ब्याज वसूला जा सकेगा.
इसके साथ ही सभी सरकारी बैंक हेल्थकेयर सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपये का बिजनेस लोन भी मुहैया कराएंगे जिससे हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्टर का विस्तार किया जा सकेगा.
ये कर्ज अधिकतम 10 साल के लिए दिया जाएगा. मेट्रो शहरों में 100 करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा सकेगा, तो वहीं टियर 1 शहरों में 20 करोड़ और टियर 2 और 3 शहरों के लिए ये सीमा 10 करोड़ रुपये है.
पहले से मौजूद कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग की जाएगी.
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