शेयर मार्केट ब्रोकर Zerodha के फाउंडर निखिल कामथ ने कहा कि कंपनी को SEBI से म्यूचुअल फंड बिजनेस शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. जिरोधा ने फरवरी 2021 में असेट मैनेजमेंट कंपनी के लिए एप्लिकेशन डाला था. कंपनी के फाउंडर नितिन कामथ ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.
जेरोधा के डिस्काउंड ब्रोकरेज बिजनेस का फोकस ट्रांजैक्शन कॉस्ट को कम करना है. कंपनी ने सस्ते फंड लॉन्च करने की योजना बनाई थी. कामत ने तब कहा था, ‘पैसिव, सिंपल, सस्ते-इंडेक्स पर ट्रेड होने वाले फंड पेश किए जाएंगे.’ कामत का कहना है कि अगर म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट्स आसान होंगे तभी निवेशकों को आकर्षित किया जा सकेगा.
So, we just got our in-principle approval for our AMC (MF) license. I guess now comes the hard part. https://t.co/g35YH60ksC
— Nithin Kamath (@Nithin0dha) September 1, 2021
देश की सबसे बड़ी डिस्काउंट ब्रोकर कंपनी
मौजूदा समय में शेयर मार्केट में पैसा लगाने के कई सारे डिजिटल ब्रोकर हाउस खुल गए हैं लेकिन Zerodha भारत का सबसे बड़ा डिस्काउंट ब्रोकर है. अब कंपनी को SEBI से मंजूरी मिल गई है और अगले एक साल में कंपनी म्यूचुअल फंड बिजनेस शुरू कर सकती है. मौजूदा समय में कंपनी बाजार के निवेशकों को डिस्काउंट रेट पर निवेश करने का मौका देती है.
2010 में शुरू हुई थी Zerodha
कंपनी ने शेयर मार्केट ब्रोकरेज (Share Market Brokerage) का बिजनेस 2010 में शुरू किया था. कंपनी प्रति ऑर्डर के लिए 20 रुपए ब्रोकरेज फीस वसूल करती है. Zerodha में रोजाना 40 लाख से ज्यादा की ट्रेडिंग की जाती है. SEBI से मंजूरी मिलने के बाद कंपनी की योजना अब लॉ कॉस्ट म्यूचुअल फंड स्कीम लाने की है.
क्या कहते हैं कंपनी के फाउंडर
कंपनी की इस योजना को लेकर कंपनी के फाउंडर नितिन कामथ का कहना है कि मेरा मकसद म्यूचुअल फंड को और बेहतर इन्वेस्टमेंट बनाना है. उनका कहना है कि ये जितना ज्यादा आसान होगा, उतना ही रिटेल और नए निवेशक इसके प्रति आकर्षित होंगे. बता दें कि कंपनी ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए Coin प्लैटफॉर्म लॉन्च किया था, जिसका असेट अंडर मैनेजमेंट करीब 5500 करोड़ रुपए है.
जेरोधा के सीईओ नितिन कामथ से जब आईपीओ लाने की योजना पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम एक साफसुथरी कंपनी हैं. हमारे ऊपर कोई ऋण नहीं है. न ही हमारे पास कोई बाहरी निवेशक है. हमारी कोई अधिग्रहण लागत भी नहीं है क्योंकि हम अपने साथ क्लाइंट को जोड़ने के लिए कोई मार्केटिंग नहीं करते. हमारे ग्राहक केवल माउथ पब्लिसिटी के माध्यम से जुड़ते हैं. इसलिए हमें पूंजी जुटाने की अभी कोई जरूरत नहीं है. आपको बता दें की जिरोधा के फाउंडर्स भारत में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले बॉस हैं. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकी सैलरी 100 करोड़ है.
कौन सी कंपनियां हैं रेस में
इससे पहले जुलाई में सैमको सिक्योरिटीज तथा अगस्त में बजाज फिनसर्व को सेबी से एएमसी शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी. ये मंजूरी सेबी द्वारा फिनटेक कंपनियों के म्यूचुअल फंड कारोबार में प्रवेश करने की अनुमति देने के बाद दी गई है.
इन कंपनियों के अलावा फ्रंटलाइन कैपिटल सर्विसेस, विजमार्केट्स एनालिटिक्स, यूनीफाई कैपिटल, अलकेमी कैपिटल मैनेजमेंट और हीलिओस कैपिटल मैनेजमेंट भी म्यूचुअल फंड कारोबार में प्रवेश करने की योजना बना रही हैं.
इन कंपनियों ने म्यूचुअल फंड लाइसेंस के लिए सेबी के पास आवेदन किया है. वर्तमान में 44 म्यूचुअल फंड हाउस 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का प्रबंधन कर रहे हैं.
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