ज्यादातर लोग नौकरी शुरू करने के साथ ही बचत के बारे में सोचने लगते हैं. लेकिन, बचत और निवेश के बारे में सोचते वक्त तमाम लोगों के दिमाग में कई तरह के मिथक होते हैं. इनमें से कई मिथक बेहद जटिल होते हैं और उन्हें तोड़ना वाकई मुश्किल होता है. मौजूदा वक्त में और खासतौर पर ऐसे समय पर जबकि हम एक असामान्य महामारी की चपेट में हैं, निवेश से जुड़े हुए इन मिथकों का शिकार हो जाना बेहद आसान है. ये मिथक, गलत धारणाएं और सत्यता से इनकी नजदीकी अक्सर निवेशकों को भ्रमित कर देते हैं. इसका नतीजा कई बार ये होता है कि निवेशक गैर-जरूरी और हैरान करने वाले वित्तीय फैसले कर लेते हैं.
ऐसे में आपके लिए निवेश से जुड़े हुए इन मिथकों और हकीकत के अंतर को समझना बेहद जरूरी हो जाता है. हम यहां आपको ऐसे ही निवेश से जुड़े हुए 5 मिथकों के बारे में बता रहे हैं जिनसे बचकर आप वित्तीय सफलता की राह पकड़ सकते हैं.
मिथक 1: निवेश एक जटिल प्रक्रिया है और इसका वास्ता अमीरों से है यह एक जबरदस्त मिथक है और ज्यादातर लोग इसका शिकार हो जाते हैं. हालांकि, सच्चाई ये है कि निवेश एक बेहद आसान चीज है और हर कोई इसे अपना सकता है. निश्चित तौर पर स्टॉक्स में निवेश के लिए रिसर्च करना, चार्ट देखना, फंडामेंटल्स समझना और कंपनी के कामकाज को ट्रैक करना हर किसी के लिए आसान नहीं होता है. लेकिन, आप म्यूचुअल फंड्स में तो आसानी से निवेश कर ही सकते हैं. इन म्यूचुअल फंड्स में कम रकम के साथ निवेश शुरू कर सकते हैं और इनके परफॉर्मेंस को भी आसानी से देखा जा सकता है.
मिथक 2: बचत करना ही अहम है खुद को वित्तीय रूप से सुरक्षित रखने के लिए बचत करना अहम है. लेकिन, यह केवल पहला कदम है. अगर आप अपने पैसे को निवेश नहीं करेंगे तो आप महंगाई को कैसे हरा पाएंगे. साथ ही आप बड़ी पूंजी भी नहीं इकट्ठी कर पाएंगे. ऐसे में आपके लिए इक्विटी, डेट, गोल्ड और रियल एस्टेट जैसे अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करना जरूरी है. लंबे वक्त में आपको अच्छा रिटर्न और पूंजी बनाने में तभी मदद मिलती है जब आप अपनी बचत का इस्तेमाल निवेश करने में करते हैं.
मिथक 3: प्रॉविडेंट फंड से रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी चैन से कट जाएगी इनफ्लेशन और जीवन प्रत्याशा में बढ़ोतरी को देखते हुए आपको रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए एक मोटी रकम की जरूरत पड़ती है. हालांकि, प्रॉविडेंट फंड वक्त के साथ बढ़ता जाता है, लेकन यह महत्वपूर्ण है कि आप एक पर्याप्त रकम रिटायर होने तक इकट्ठी कर लें. इसके लिए आपको महंगाई दर के असर, आपकी लाइफस्टाइल की जरूरतें, इलाज और मेडिकल पर होने वाले खर्च जैसे फैक्टर्स को ध्यान में रखना होगा.
मिथक 4: लाइफ इंश्योरेंस ही निवेश है निवेश करते वक्त अक्सर लोग सबसे बड़ी गलती ये करते हैं कि वे ये सोचते हैं कि जीवन बीमा पॉलिसीज लेना ही निवेश करना है और इसमें उन्हें लाइफ कवर भी मिल रहा है. लेकिन, ये सच्चाई नहीं है. बीमा पॉलिसीज सीधे तौर पर आपको जोखिम से बचाने के लिए होती हैं. ये किसी अनहोनी की स्थिति में आपके परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए होती हैं. ऐसे में आपको बेहद कम प्रीमियम पर एक टर्म पॉलिसी लेनी चाहिए जो आपकी गैरमौजूदगी में आपके परिवार की वित्तीय जरूरतें पूरी कर सकती है.
मिथक 5: आपको मार्केट में एंट्री का सही वक्त पता होना चाहिए ज्यादातर लोगों को यह भ्रम होता है कि निवेशक को सफल होने के लिए मार्केट में सही वक्त पर दाखिल होने की समझ होनी चाहिए. हालांकि, इसका सच्चाई से दूर तक भी कोई वास्ता नहीं है. मार्केट की टाइमिंग कुछ दफा तब ठीक हो सकती है जब आप भाग्य से सही वक्त पर इसमें दांव लगाने में सफल हो जाएं. लेकिन, अगर आप मार्केट में लगातार एंट्री-एग्जिट करते रहेंगे तो आप पाएंगे कि आपको फायदे से ज्यादा नुकसान हो रहा है. इस लिहाज से हमेशा से बेहतर रणनीति यही रही है कि आप मार्केट में लगातार थोड़ी-थोड़ी रकम लगाते जाएं. इससे लंबे वक्त में आपको बेहतर रिटर्न मिलेगा.
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