नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को सबसे अच्छा रिटायरमेंट फंड ऑप्शन माना जाता है. यह बाजार से जुड़ा हुआ होता है. यदि लंबी अवधि तक इसमें निवेश किया जाए तो यह अच्छा रिटर्न देता है. कोई भी व्यक्ति, चाहे वह सरकारी नौकरी में हो या फिर प्राइवेट सेक्टर में, इस स्कीम को अपना सकता है. खुद का काम करने वाला व्यक्ति भी इसका लाभ ले सकता है. इसमें टैक्स बेनिफिट भी मिलता है. यदि आपके पास NPS खाता है और अभी आपने अपना ITR फाइल नहीं किया है तो, आपको ये टैक्स बेनिफिट प्राप्त हो सकते हैं.
जो भी टैक्स पेयर NPS पर निवेश कर रहा हो, उसे इनकम टैक्स की धारा 80CCD (1) के तहत टैक्स लाभ प्राप्त होता है. इसके तहत बेसिक पे के रूप में मिलने वाली कुल सैलरी का 10 फीसदी छूट प्राप्त होती है. स्वरोजगार प्राप्त व्यक्तियों को उनकी आमदनी का 20 फीसदी हिस्सा बतौर डिडक्शन प्राप्त होता है. धारा 80CCE के तहत, डिडक्शन की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये होती है.
धारा 80CCD(1B) के तहत आपको 1.5 लाख रुपये के डिडक्शन के अतिरिक्त 50 हजार रुपये की भी कटौती प्राप्त होती है. इस धारा के तहत, कोई भी टैक्स पेयर 50 हजार का टैक्स ब्रेक हासिल कर सकता है. यह टैक्स लाभ धारा 80CCD (1) और 80CCD (2) के तहत मिलने वाले लाभ के अतिरिक्त होता है.
यदि आपकी नियोक्ता कंपनी, आपकी ओर से NPS में योगदान दे रही हो तो 80CCD (2) के तहत टैक्स लाभ प्राप्त किया जा सकता है. इसमें छूट की सीमा, बेसिक पे का 10 फीसदी होती है. यह कटौती, कर्मचारी के योगदान पर प्राप्त होने वाले कर लाभ से अतिरिक्त होती है. इसका संबंध धारा 80CCE और 80CCD (1B) से नहीं होता.
इस स्कीम में कोई ग्राहक, आपात स्थिति में अपने NPS Tier-I खाते से आंशिक निकासी कर सकता है. यदि यह निकासी कुल जमा का 25 फीसदी है तो यह टैक्स-फ्री होती है. यदि आप इस राशि से एन्युटी खरीद रहे हैं तो भी यह टैक्स-फ्री होता है. हालांकि, एन्युटी इनकम टैक्स योग्य होती है, जो कि आपके स्लैब पर निर्भर करती है. मसलन, यदि आपके NPS खाते में 30 लाख रुपये हैं तो आप इसका 40 फीसदी यानि 12 लाख रुपये तक निकालते हैं तो, आप पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. यदि बाकी बची राशि का इस्तेमाल एन्युटी खरीदने में की जाती है तो, वह भी टैक्स-फ्री होगी. किंतु, एन्युटी से जो मासिक आमदनी होगी, उस पर टैक्स लगेगा.
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