Will: महामारी के एक-डेढ़ साल में लोगों ने अपनों को खोया है. ऐसे संकट में अगर गुजरे हुए व्यक्ति की संपत्ति को लेकर परिवार के बीच मन मुटाव हो या फिर उनकी जमा-पूंजी से परिवार को ही फायदा उठाने के लिए बैंकों, सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़े तो तकलीफ और बढ़ जाती है. परिवार को ऐसी परिस्थिति में आर्थिक सुरक्षा के लिए वसीयत की अहमियत लोग धीरे-धीरे समझ रहे हैं. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI की सब्सिडियरी कंपनी SBI कैपिटल मार्केट्स की सब्सिडियरी कंपनी SBI कैप ट्रस्टी की इस सुविधा के जरिए आप घर बैठे वसीयत बनवा सकते हैं.
अगर आपने अपने खातों में नॉमिनी तय किए हुए हैं फिर भी आपको वसीयत बनाने की जरूरत है. क्योंकि, संपत्ति पर नॉमिनी का अधिकार नहीं होता. वो सिर्फ इस रकम का ट्रस्टी होता है और बाद में ये वारिस को चली जाती है. मृत्यु के बाद संपत्ति और निवेश पर किसका कितना अधिकार हो ये तय करने के लिए वसीयत जरूरी है.
वसीयत के लिए आपको लिखकर ये डिक्लेरेशन करना होता है कि उनकी मृत्यु के बाद संपत्ति, ऐसेट, परिवार के वेल्थ, निवेश आदि को परिजनों में कैसे बांटा जाएगा. इसके लिए दो विटनेस की भी जरूरत होती है.
SBI कैप ट्रस्टी कंपनी यही सर्विस आपको ऑनलाइन देती है.
कंपनी के MyWill सर्विस ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर आपको अपनी जानकारी भरनी होगी. इसके लिए ढेर सारी जानकारी नहीं देनी पड़ती. आपको अपना पूरा नाम, ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर, PAN कार्ड जैसे किसी आइडेंटी कार्ड की स्कैन की हुई कॉपी और अपने पता का प्रूफ देना होता है.
रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आपके फोन और ई-मेल एड्रेस पर वेरिफिकेशन कोड आएगा. इसके बाद पोर्टल आपको एक टूर देगा जिसमें आप वसीयत का टेंप्लेट चुन सकते हैं.
इसके बाद आपको ऑनलाइ वसीयत जनरेट के लिए आपको पेमेंट करना होगा. SBI कैप ट्रस्टी कंपनी 2,500 रुपये का प्रोफेशनल फीस चार्ज करते है. इसपर टैक्स अलग से लगते हैं. गौरतलब है कि, पेमेंट कन्फर्मेशन में एक से 2 दिन लग सकता है.
इस स्टेप के बाद आप प्रोफॉर्मा विल (Proforma Will) के लिए अपनी जानकारी देनी होगी. डेटा को अप्रूव करने के बाद सिस्टम प्रोफॉर्मा विल जनरेट करेगा. ये विल पेमेंट के 30 दिन अंदर फाइनल करवाना होता है. इस प्रोफॉर्मा विल पर ग्राहक को फाइनल एक्सेप्टेंस देना होगा.
ये प्रोफॉर्मा विल आपके ई-मेल पर भेज दी जाएगी. इसके बाद आपको इस वसीयत को प्रिंट करवाकर हस्ताक्षर करने होंगे. दो गवाहों से इसपर हस्ताक्षर करवाने होंगे. इसके बाद आप इसे सुरक्षित कहीं रख सकते हैं. आप चाहें तो इसका रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं लेकिन ये अनिवार्य नहीं है.
आपको अगर ये नहीं मिला है तो 30 दिन के अंदर फिर लॉग-इन कर इसे दोबारा हासिल कर सकते हैं. लेकिन, गोपनीयता और सुरक्षा के मद्देनजर ग्राहक द्वारा दी गई सारी जानकारी पोर्टल से 30 दिन बाद मिटा दी जाती है.
18 वर्ष के ऊपर का कोई भी व्यक्ति वसीयत बनवा सकता है. ध्यान रहे कि वसीयत को मान्य बनाने के लिए उस पर व्यक्ति के हस्ताक्षर और गवाहों के हस्ताक्षर जरूरी हैं.
वसीयत बनाते वक्त किसी मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती लेकिन एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि मानसिक स्थिति और सेहत का प्रूफ देने के तौर पर मेडिकल सर्टफिटेक लगाया जा सकता है.
वहीं, वसीयत के लिए कानूनी तौर पर एग्जिक्यूटर की जरूरत नहीं होती, लेकिन अगर आप चाहें तो किसी को एग्जिक्यूटर भी नियुक्त कर सकते हैं. SBI कैप ट्रस्टी जैसी कंपनियां भी एग्जिक्यूटर की सर्विस देती हैं लेकिन इसपर अलग चार्ज लगता है.
इसमें करीब तीन से छह हजार रुपये के बीच खर्च आता है. भुगतान डिजिटल करना होता है. इसमें शुल्क के साथ जीएसटी और स्टांप शुल्क भी शामिल होता है.
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