Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में निवेशक को आवश्यकता के अनुसार निवेश करने का मौका मिले इस उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के प्लान बनाएं गए है, जिसमें ग्रोथ प्लान और डिविडंड प्लान भी शामिल है. दोनों विकल्प में से कौन सा प्लान आपके लिए सही है उसका चुनाव आपके वित्तीय उद्देश्यों और जरूरतों पर निर्भर करता है. यदि आपको नियमित आय की आवश्यकता हैं तो आप डिविडेंड प्लान में निवेश कर सकते हैं और अगर आपको नियमित Cash Flow की आवश्यकता नहीं हैं तो आप ज्यादा रिटर्न के लिए ग्रोथ प्लान में निवेश कर सकते हैं. म्यूच्यूअल फंड के ग्रोथ प्लान अधिक लोकप्रिय हैं और अधिकतर निवेशकों द्वारा इसी विकल्प में निवेश किया जाता है.
एनएवीः
डिविडेंड प्लान का एनएवी ग्रोथ प्लान से अलग हो सकता है. दरअसल, ज्यादातर मामलों में ग्रोथ प्लान का एनएवी डिविडेंड प्लान से ज्यादा पाया जाता है. डिविडेंड प्लान में निवेशक को डिविडेंड का भुगतान करते ही एनएवी में गिरावट होती है. ग्रोथ और डिविडेंड प्लान दोनों योजना समान है, लेकिन चक्रवृद्धि प्रभाव के कारण एनएवी में अंतर है. दोनों प्लान में समान प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है लेकिन लाभ के वितरण का तरीका भिन्न होता है. निवेश का उद्देश्य, होल्डिंग्स, प्रदर्शन और फंड मैनेजर वही रहता है. केवल रिटर्न देने का तरीका बदल जाता है.
मुनाफाः
ग्रोथ प्लान में जो भी मुनाफा होता हैं, वह फंड हाउस द्वारा डिविडेंड के रूप में वापस भुगतान ना करके पुनःनिवेश (reinvest) कर दिया जाता है. इसलिए जब भी आपकी म्यूच्यूअल फंड स्कीम लाभ कमाती है तो आप की स्कीम की NAV (Net Asset Value) भी बढ़ती है. NAV बढ़ने से आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू में इजाफा होता रहता है. आपका प्रॉफिट रिइन्वेस्ट होने से कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. इसमें लाभ पुनः निवेशित होने से लाभ पर भी रिटर्न्स मिलना प्रारम्भ हो जाते हैं जिससे आपका रिटर्न तेजी से बढ़ने लगता हैं.
टैक्सः
ग्रोथ प्लान में इक्विटी फंड है तो निवेश को 12 महीने से कम होल्ड करके बेचने पर 15% की दर से STCG टैक्स देना होता हैं, वहीँ 12 महीने या उससे ज्यादा रखने पर 10% की दर से LTCG टैक्स देना होता हैं. यदि आपने ग्रोथ प्लान में डेट फंड चुना है तो 36 महीनें से कम होल्ड करने पर होने वाला लाभ आपकी आय में जोड़कर टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स काटा जाएगा. 36 महीनें या ज्यादा अवधि तक होल्डिंग से होने वाला लाभ 20% की दर से LTCG टैक्स गीना जाएगा.
डिविडेंड प्लान में निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुसार ही टैक्स लगता हैं. प्राप्त डिविडेंड पर भारतीय नागरिक के लिए 10% की दर से TDS जबकि NRI के लिए 20% की दर से टीडीएस काटा जाता हैं. यदि मिलने वाला डिविडेंड ₹5,000 से कम है तो कोई टीडीएस नहीं काटा जायेगा. यदि आपको मिलने वाले डिविडेंड पर टीडीएस काटा गया है पर आपकी आय टैक्सेबल इनकम से कम है तो आप अपने टीडीएस को रिक्लेम कर सकते हैं.
आपको क्या करना चाहिए?
ग्रोथ ऑप्शन उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प होगा जो अपना मुनाफा रिइन्वेस्ट करके कंपाउंडिंग का फायदा लेना चाहते हैं. जो निवेशक नियमित आय का साधन ढूंढ रहे हैं उनके लिए ग्रोथ ऑप्शन अच्छा विकल्प नहीं हैं. यदि आप एक ऐसे निवेशक हैं जिसे अपने निवेश पर एक नियमित आय चाहिए तो आप म्यूच्यूअल फण्ड का डिविडेंड प्लान चुन सकते हैं. रिटायरमेंट के बाद में नियमित आय के रूप में म्यूच्यूअल फण्ड डिविडेंड प्लान लिया जा सकता हैं
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