उत्तराधिकार सर्टिफिकेट या सक्सेशन सर्टिफिकेट(Succession Certificate) कानूनी उत्तराधिकारी या मृत व्यक्ति के उत्तराधिकारी को दिया गया एक डॉक्यूमेंट होता है. इस सर्टिफिकेट के जरिए ही आपको विरासत में मिली जमीन, मकान आदि के उत्तराधिकारी के रूप में जाना जाता है. ये बेहद काम का होता है. कई लोग बिना वसीयत के दुनिया को अलविदा कह देते हैं. इस तरह के मामलों में परिवार के सदस्यों को सक्सेशन सर्टिफिकेट यानी उत्तराधिकार प्रमाणपत्र लेने की जरूरत पड़ती है. यह कानूनी उत्तराधिकारी को सत्यापित करता है. इसे उत्तराधिकार कानूनों के अनुसार मृतक की चल-अचल संपत्ति को पाने का हक होता है. वसीयत नहीं होने पर ये बहुत काम आता है. इससे जुड़ी इन 9 खास बातों के बारे में आपको पता होना बेहद जरूरी है.
1-सक्सेशन सर्टिफिकेट भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के तहत एक दस्तावेज है जो इसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति को अधिकार देता है कि वह मृत व्यक्ति की संपत्ति पर मालिकाना हक का दावा कर सकता है. इसमें मृत व्यक्ति के बैंक अकाउंट में जमा रकम, फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर, म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश शामिल होते है.
2-भारतीय न्यायालय द्वारा मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी की पहचान करने के लिए डिटेल इन्वेस्टिगेशन करने के बाद सक्सेशन सर्टिफिकेट दिया जाता है. हालांकि यह कानूनी वारिस सर्टिफिकेट से पूरी तरह अलग होता है.
3-सक्सेशन सर्टिफिकेट की जरूरत तब होती है जब किसी को कोई अचल या चल संपत्ति विरासत में मिलती है. एक कानूनी सक्सेशन सर्टिफिकेट का उपयोग पेंशन, बीमा, पीएफ, रिटायरमेंट क्लेम आदि के लिए किया जाता है.
4-यह सर्टिफिकेट प्राथमिक दस्तावेज के रूप में कानूनी वसीयत की अनुपस्थिति में काम आता है. जिसके माध्यम से वारिस मृतक रिश्तेदार की संपत्ति के दावे का पता लगा सकते हैं.
5-सक्सेशन सर्टिफिकेट के लिए संपत्ति के कुल मूल्य का 3% एक सिविल कोर्ट द्वारा चार्ज किया जाता है. इसके अलावा स्टांप के लिए 2 रुपये और हलफनामे के स्टांप पेपर के लिए 20 रुपये की जरूरत होती है.
6-बिना वसीयतनामा मृत्यु के मामले में सक्सेशन सर्टिफिकेट कानूनी उत्तराधिकारी को इंपैंडिंग लोन, सिक्योरिटीज का निपटान करने और मृत व्यक्ति की शेष संपत्ति का उपयोग करने की अनुमति देता है.
7-सक्सेशन सर्टिफिकेट के लिए मजिस्ट्रेट या उच्च न्यायालय में अप्लाई करना चाहिए. आमतौर पर कोर्ट में इसके लिए एक अलग सेल होता है जो सक्सेशन सर्टिफिकेट जारी करता है.
8-सक्सेशन सर्टिफिकेट जारी करने से मृत व्यक्ति की दावा की गई संपत्ति पर उत्तराधिकार पाने का अधिकार नहीं मिलता है. हालांकि यह कानूनी उत्तराधिकारी को ऐसी संपत्ति पर अधिकार प्रदान करता है.
9-इस सक्सेशन सर्टिफिकेट के मामले में किसी को भी आपत्ति उठाने के लिए अदालत द्वारा 45 दिनों के लिए न्यूज़ पेपर में नोटिस जारी किया जाता है. यदि कोई एक्सटर्नल रेजिस्टेंस नहीं है, तो अदालत प्रमाण पत्र जारी करता है.
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