एक वक्त था, जब दुनिया में कोई मुद्रा (Currency) नहीं थी. सिर्फ वस्तुओं के बदले वस्तुओं का लेन-देन होता था. लेकिन उसके बाद नोट और सिक्के अस्तित्व में आए. आज यही नोट और सिक्के हमारी मुख्य Currency हैं. लेकिन इसके अलावा भी एक करेंसी है, जो पूरी तरह Digital है. इसे Cryptocurrency कहा जाता है.
आखिर क्या है क्रिप्टो करेंसी?
क्रिप्टो करेंसी Cryptocurrency एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है. यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता. यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती. अमूमन रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं की तरह ही इस मुद्रा का संचालन किसी राज्य, देश, संस्था या सरकार द्वारा नहीं किया जाता. सबसे ज्यादा पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन, इथीरियम और डॉजकॉइन जैसे कुछ और कॉइन्स हैं. आज की तारीख में बिटकॉइन का बाजार 4 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है. अब सवाल है कि जब पूरा मामला कंप्यूटर आधारित है तो इसे कैसे सुरक्षित बनाएं?
1-छोटी बचत से शुरुआत
शुरू में उतना ही निवेश करें जितना घाटा सहने की क्षमता हो. यानी कि निवेश पर कुछ न भी मिले तो आपकी आर्थिक स्थिति डांवाडोल नहीं होनी चाहिए. ठीक स्टॉक मार्केट की तरह ही cryptocurrency को भी लें कि बाजार में गिरावट आई तो मिनटों में कमाई जा सकती है. अपनी कमाई का एक हिस्सा क्रिप्टोकरंसी के लिए पहले ही बाहर निकाल दें जिसे सुविधा के हिसाब से खरीद बिक्री कर सकें.
2- एक ही क्रिप्टो में निवेश करें
निवेश की शुरुआत में एक ही क्रिप्टो (Cryptocurrency) में निवेश करें. और ऐसा ही क्रिप्टोकॉइन या टोकन चुनें, जिसमें निवेश को लेकर आप पूरी तरह से श्योर हों. निवेश के बाद अपने फैसले पर अडिग रहें और फिर अपना प्रोग्रेस मॉनिटर करें. इसके बाद ही अपना पोर्टफोलियो बढ़ाने के बारे में सोचें.
3- क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज का चयन
क्रिप्टो में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपको सबसे बेहतर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ढूंढना होगा. भारत में फिलहाल बहुत सारे एक्सचेंज काम कर रहे हैं, जिसमें CoinSwitch Kuber, WazirX, BuyUCoin सहित कई अन्य हैं.
4-सुरक्षित वॉलेट की जरूरत
क्रिप्टोकरंसी को सुरक्षित रखने के लिए सबसे जरूरी होती है एक सुरक्षित वॉलेट की. इस वॉलेट में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की कुंजी (key) को रखा जाता है. यही वॉलेट आपकी करंसी और ब्लॉकचेन के बीच लिंक करता है.
5- पेमेंट का तरीका
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) लेने से पहले उसका पेमेंट करने का तरीका जरूर जान लें. कई क्रिप्टो एक्सचेंज क्रेडिट कार्ड या बैंक ट्रांसफर की इजाजत देते हैं.
6- अपना ट्रेडिंग ऑर्डर डालना
एक्सचेंज के पास डॉक्यूमेंट और पैसे डिपॉजिट करने के बाद जरूरी नहीं है कि आप तुरंत ट्रेडिंग शुरू कर पाएंगे. इसके बाद वो एक्सचेंज आपकी डिटेल्स को वेरिफाई करेगा, इसमें थोड़ा टाइम लग सकता है. जब केवाईसी प्रोसेस पूरा हो जाता है तो एक्सचेंज अपने यूजर को इसे लेकर नोटिफाई कर देता है. रही बात कि ट्रेडिंग की तो क्रिप्टो मार्केट 24/7 खुला रहता है, आप कभी-कभी ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.
7- जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करना
क्रिप्टो एक्सचेंज पर ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, पैन कार्ड वगैरह जैसे डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आपका अकाउंट वैध और सही हो. इसके अलावा आपको अपना पेमेंट ऑप्शन भी देना होगा.
Cryptocurrency के नुकसान
Cryptocurrency में एक बार transaction पूर्ण हो जाने पर उसे reverse कर पाना असंभव होता है क्यूंकि इसमें वैसे कोई options ही नहीं होती है. अगर आपका Wallet के ID खो जाती है तब वो हमेशा के लिए खो जाती है क्यूंकि इसे दुबारा प्राप्त करना संभव नहीं है.
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