Annuity Plan: निवेश करने से पहले इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आपको कितना टैक्स भरना होगा. खासतौर पर जब आपकी इनकम, टैक्स स्लैब से ज़्यादा हो, तो पेंशन प्लान पर टैक्स चुकाना होगा. इसलिए निवेश से पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है. कोविड -19 महामारी ने सबकुछ बदल दिया है. ऐसे में भविष्य की अनिश्चितताओं में खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए एन्युटी प्लान की डिमांड काफी बढ़ गई है.
चूंकि इस स्कीम में लंबे समय के लिए गारन्टीड रिटर्न मिलता है. ऐसे में निवेशक इसके प्रति आकर्षित हो रहे हैं. इसके अलावा इस योजना में उच्च ब्याज दरों पर लॉकिंग पीरियड की सुविधा का लाभ मिलता है. इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे भारत विकसित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ेगा, मुद्रास्फीति यानी महँगाई दर में गिरावट आएगी और ब्याज दरें भी कम हो जाएंगी. बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट 2018 में 6.50% से घटाकर मई 2020 में 4.00% कर दिया.
“कोविड -19 महामारी के दौर ने लोगों को वित्तीय प्लानिंग के महत्व का एहसास कराया है. खासतौर पर रिटायरमेंट के बाद ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सही प्लान में Investment और भी ज़्यादा ज़रूरी हो गया है. आज के दौर में जहां ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव जारी है, वहीं एन्युटी यानी वार्षिकी प्लान के तहत नियमित आय की गारंटी मिलती है. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य वितरण अधिकारी अमित पलटा का कहना है कि हमारे इनोवेटिव प्रोडक्ट गारंटीड पेंशन योजना ने हमें वित्त वर्ष 2021 में वित्त वर्ष 2020 के मुकाबले अपने वार्षिकी बिज़नेस को 120% तक बढ़ाने में मदद की है.
इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के दौरान, बीमाकर्ता की वार्षिकी एपीई में 164% की बढ़ोतरी देखने को मिली है. वहीं गैर-लिंक्ड बचत में 66% सालाना की वृद्धि हुई. बात दें वार्षिक प्रीमियम समतुल्य (एपीई) का मतलब नए व्यवसाय से मिलने वाला कुल नियमित वार्षिक प्रीमियम और एक निश्चित अवधि में पहले सिंगल प्रीमियम का 10% है.
एन्युइटी प्लान निवेशक को आजीवन गारंटीड रिटर्न प्रदान करते हैं. इसमें दूसरी पॉलिसीस की तरह नियम नही बदलते हैं. ये दरें ग्राहक की प्रोफ़ाइल जैसे-उम्र, लिंग और ग्राहक द्वारा चुनी गई वार्षिकी योजना विकल्प पर निर्भर करती है.
“कोविड -19 के कारण मंदी होने के बावजूद कुल मिलाकर एन्युटी प्लान में वृद्धि देखने को मिली.HDFC लाइफ के चीफ एक्चुअरी श्रीनिवासन पार्थसारथी, का कहना है कि FY20 की तुलना में हमने लगभग 46% की YoY वृद्धि दर्ज की है. इसके अलावा कंपनी ने Q1FY22 के लिए एन्युइटी प्लान स्कीम में 61% की मजबूत वृद्धि दर्ज की है.
कितने तरह के होते हैं Annuity प्लान्स
एन्युटी प्लान्स आमतौर पर दो तरह के होते हैं. पहला इमीडिएट प्लान और दूसरा डेफर्ड एन्युटी प्लान. इमीडिएट एन्युटी प्लान में गारंटीड पेंशन आय पॉलिसी खरीदने के तुरंत बाद शुरू हो जाती है. जबकि डेफर्ड प्लान में व आपको पहले 1 से 10 साल तक कहीं भी निवेश करने की आवश्यकता होती है और फिर भुगतान की अवधि शुरू होती है. इसमे आप जितने लंबे समय केलिए निवेश करेंगे नियमित आय उतनी ही अधिक होगी.
क्या आपको Annuity प्लान में निवेश करना चाहिए?
Investment करने से पहले ये बात जान लें कि अगर आपकी आय टैक्स स्लैब से ज़्यादा है तो आपको कर का भुगतान करना होगा, क्योंकि पेंशन पर टैक्स चुकाना होगा. इसलिए Investment इस तरह करें कि आपके पोर्टफोलियो में वैरायटी होनी चाहिए. निवेशकों को महज एन्युटी प्लान पर निर्भर नही रहना चाहिए. बेहतर होगा कि रिटायरमेंट फंड केलिए बांड या सावधि जमा, म्यूचुअल फंड आदि स्कीमों में निवेश करना चाहिए जिससे हर महीने एक रेगुलर इनकम आती रहे.
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