Financial Planning: अगर आप नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं और पुरानी नौकरी से ब्रेक लेना चाहते हैं तो जल्दबाजी में आकर रेजिग्नेशन देने से पहले कुछ महीनों का प्लान तैयार कर लें. कोविड-19 महामारी के दौर में लाखों लोगों ने नौकरी खोई है तो कई लोग काम के दबाव की वजह से ब्रेक की ओर बढ़ रहे हैं. रोज खड़ी हो रही नई चुनौतियों के बीच मानसिक तनाव बढ़ा है, जिसे लोग बर्नआउट का नाम दे रहा है. अगर आप भी काम से कुछ समय का ब्रेक लेने की इच्छा रखते हैं तो उससे पहले कुछ फाइनेंशियल प्लानिंग जरूरी है.
इन बातों का रखें ध्यान –
नौकरी अचानक चली गई हो या सैलरी घटी हो, या आप खुद छोड़ना चाहते हों, आपको अपने रोजमर्रा के खर्च, EMI, निवेश के हिसाब से इमरजेंसी फंड तैयार करना होगा. फाइनेंशियल एडवाइजर्स जहां पहले 6 महीने के खर्च के बराबर की रकम का फंड तैयार करने के लिए कहते थे वहीं अब 9 महीने से एक साल तक के खर्च का फंड बनाने की सलाह देते हैं ताकि आपकी इस ब्रेक के दौरान पैसों को लेकर चिंता ना रहे. ये इमरजेंसी फंड किसी ऐसी जगह पर सुरक्षित रखा हो जहां से आप कभी भी इसे निकाल सकते हों – यानी लिक्विड हो.
मेडिकल खर्च इतना बढ़ गया है कि अपनी जेब से पूरी रकम देना सालों की कमाई को एक ही बार में खर्च देने के बराबर है. अगर अब तक आप सिर्फ एंप्लॉयर के इंश्योरेंस पर आश्रित हैं तो अब जागने का समय है. या तो आप अलग से इंश्योरेंस खरीदें और उसका वेटिंग पीरियड देखें या फिर एंप्लॉयर के ग्रुप इंश्योरेंस प्लान से इंडिविजुअल हेल्थ प्लान में स्विच करें. इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI इस तरह के स्विच की इजाजत देता है. इसके लिए आपको कुछ फॉर्मेलिटी पूरी करनी होगी. खास तौर पर जब आप नौकरी स्विच कर रहे हों या ब्रेक ले रहे हों तो ये काम आएगा. इसमें आपको वेटिंग पीरियड का फायदा मिल सकता है.
एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन ने प्रोविडेंट फंड के पैसे निकालने के नियमों में इस साल कुछ बदलाव किए हैं. इसके तहत PF खाताधारक 75 फीसदी तक का पैसा निकाल सकते हैं. दरअसल कोरोनावायरस महामारी की वजह से ये सुविधा दी गई है. ये एक नॉन-रिफंडेबल डिपॉजिट माना जाएगा. इसका क्लेम आप ऑनलाइन भी कर सकते हैं. लेकिन, ध्यान दें कि PF से पैसे निकालना आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग पर चोट पहुंचा सकता है.
ये सही समय है जब आपको पिछले लोन से लेकर अपने बजट पर फिर से गौर करने की जरूरत है. कर्ज को आगे टालना मुश्किल ही नहीं, आपकी फाइनेंशियल सेहत के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है. इसका इंतजाम कैसे होगा, क्या आप पार्ट-टाइम कुछ काम करेंगे, और आप अपने रोजमर्रा के खर्च में ऐसे क्या बदलाव करेंगे कि आपकी सेविंग्स बढ़े – इन सब पर विचार करना होगा. साथ ही, आपको अपने करियर के लिए अगले प्लान पर भी गौर करना होगा.
इस ब्रेक में आप कहीं छुट्टी मनाने, घूमने-फिरने निकल रहें हैं तो उसका भी बजट तय करें.
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