Retirement Fund: रिटायरमेंट के बाद आप अपनी जिंदगी किस तरह जीते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने अपने कामकाजी दौर का कितने अच्छे से इस्तेमाल किया है. जितनी जल्दी आप रिटायरमेंट फंड तैयार करने में जुट जाते हैं, उतना ही अधिक आपके पास फंड होता है.
अपनी प्राथमिकता तय करें
लोगों की बढ़ती औसत उम्र और बढ़ते इंफ्लेशन के चलते रिटायरमेंट की प्लानिंग बहुत जरूरी हो चुकी है. इसके अलावा बड़ी उम्र में मेडिकल लागत भी आप पर भारी पड़ सकती है. इन स्थितियों में यदि आपके फंड पर कम रिटर्न मिल रहा हो तो आपको दिक्कत हो सकती है.
व्यापक दृष्टिकोण अपनाएं
रिटायरमेंट फंड तैयार करते वक्त आपको काफी सावधानी और अनुशासन की जरूरत होती है. फंड बनाने के लिए आपको विभिन्न विकल्पों में निवेश करना चाहिए. Alankit Ltd के एमडी अंकित अग्रवाल का कहना है, “आपको विस्तृत पोर्टफोलियो बनाने की जरूरत होती है, ताकि वे अच्छी आमदनी के साथ-साथ अच्छी वृद्धि भी दे सके.”
बकेट रणनीति अपनाएं
आपको अपनी जरूरतों के मुताबिक फंड तैयार करना चाहिए. अरविंद राव एंड एसोसिएट्स के संस्थापक अरविंद राव का कहना है कि इसके लिए बकेट रणनीति का पालन करना चाहिए, ताकि जोखिमों का सामना किया जा सके. इस रणनीति का सीधा मतलब, अलग-अलग जरूरतों के लिए अलग-अलग फंड तैयार करना है. जैसे जीवनचर्या की लागत, छुट्टी बिताने की लागत, मेडिकल खर्च और ग्रोथ फंड आदि के लिए अलग-अलग वित्तीय विकल्प का चुनाव करना.
इसे और अच्छे से समझें
पोस्ट ऑफिस जमा, एफडी या आरडी एक सुरक्षित किंतु कम रिटर्न देने वाले विकल्प होते हैं. अपने पेंशन के लिए आप इनका उपयोग कर सकते हैं. मेडिकल इमरजेंसी के लिए आप बॉन्ड वगैरह पर निवेश कर सकते हैं. वैसे तो सभी निवेश कम जोखिम वाले होने चाहिए, किंतु अच्छी ग्रोथ हासिल करने के लिए आप इक्विटी फंड और इंडेक्स फंड के बारे में सोच सकते हैं.
इससे आपको कैसे मदद मिलेगी?
जब आपका निवेश बकेट रणनीति पर होगा, तो आप आवश्यकता से अधिक खर्च करने से बचेगें. मसलन, यदि आपने छुट्टियों के लिए बकेट तैयार कर रखा है, तो वर्तमान में छुट्टियां बिताने के दौरान आप अधिक खर्च करने से बचेंगे. ऐसे ही यदि आपने ग्रोथ के लिए अलग के कोई विकल्प चुना है, तो इंफ्लेशन की स्थिति में आपके पास मौजूद नकद और फिक्स्ड इनकम आपके लिए पर्याप्त हो पाएगा.
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