बिना किसी लेखाबही और पैसों से जुड़ी हुई जानकारियों के निवेश का सफर शुरू करने वाले एक शख्स के तौर पर विजय केडिया ने 30 साल में 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी खड़ी कर ली है. लेकिन, उनके व्यवहार में ये कहीं भी झलकता नहीं है और वे बेहद सामान्य और विनम्र शख्स हैं.
केडिया कहते हैं, “अपना खुद का घर होना सबसे बड़ी वित्तीय आजादी है.” एक वक्त ऐसा था जबकि वे कोलकाता में परिवार के कई सदस्यों के साथ एक छोटे से कमरे में रहते थे.
लंबे वक्त की सोच
जड़ों से जुड़े होना केडिया की सबसे बड़ी खासियत है. डेली ट्रेडिंग के जरिए 10 साल की अवधि में उन्होंने 35,000 रुपये की पहली पूंजी इकट्ठी करने के बाद वे लंबे वक्त की निवेश रणनीति की ओर मुड़ गए.
इससे उन्हें ACC, सेरा सैनिटीवेयर, अतुल, एजिस लॉजिस्टिक्स ने उन्हें गुजरे वक्त में कई गुने का रिटर्न दिया है. उनका शेयरों में निवेश 410 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
15 फर्मों में 1% से ज्यादा हिस्सेदारी
केडिया के पास 15 से ज्यादा लिस्टेड कंपनियों में 1 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है.
डेली ट्रेडिंग से हटने से उन्हें दिमागी शांति भी मिली है. केडिया कहते हैं कि न्यूलैंड लैबोरेटरीज, वैभव ग्लोबल, सुदर्शन केमिकल्स और तेजस नेटवर्क ने उन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान तगड़े रिटर्न दिए हैं.
फंडामेंटल्स पर नजर
मजबूत फंडामेंटल्स वाली अच्छी कंपनियों को ढूंढना ही केडिया की सफलता की सीढ़ी है. केडिया कहते हैं, “मैं हरेक स्टॉक के पीछे नहीं भागता. मैं बाज की नजर रखता हूं और मौकों की तलाश में रहता हूं.”
रियल एस्टेट
रियल्टी डिवेलपर्स और अपने रिसर्च और डिवेलपमेंट (R&D) ऑपरेशंस चला रही कंपनियां केडिया को आकर्षक लगती हैं.
वे कहते हैं कि लोगों ने महामारी के साथ जीना सीख लिया है.
सोशल मीडिया
केडिया कहते हैं कि अगर वे निवेश में नाकाम रहते तो उनके लिए सोशल मीडिया से पैसे बनाने में कोई खास मुश्किल नहीं होती.
उनके यूट्यूब पर 33,000 और ट्विटर पर 4.26 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. लोग उनसे निवेश की टिप्स मांगते हैं. वे गाना भी गाते हैं और कुछ खास मौकों पर गाते भी हैं.
शांत जीवन
अर्थव्यवस्था के लिए नोबल जीतने वाले पहले अमरीकी पॉल सैमुअलसन कहते थे, “इनवेस्टमेंट घास को उगते देखने जैसा होना चाहिए. अगर आपको ज्यादा हड़बड़ी है तो 800 डॉलर लीजिए और लास वेगास चले जाइए.”
केडिया इसी सिद्धांत पर चलते हैं तो शांति के साथ अपनी पूंजी को बढ़ते देखते हैं. भागवत गीता उनकी पसंदीदा किताब है और इसी से उन्होंने मोह से दूर रहकर कर्म करने को अपना मूल वाक्य बना लिया है.
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