एक सुरक्षित और अच्छे फ्यूचर के लिए, लाइफ के गोल सेट करना और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी मेंटेन करना दो जरूरी बातें हैं. फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को समझने का सबसे पहला तरीका यह होगा कि अपने एसेट को हाई से मॉडरेट और लायबिलिटी कम से कम शून्य पर रखें. यह सब सही इन्वेस्टमेंट करके, फिजूलखर्ची में कटौती करके, अपनी जरूरत की चीजों और अपनी पसंद की चीजों के बीच संतुलन बनाकर एक डायवर्सिफाई पोर्टफोलियो रखकर पूरा किया जा सकता है.
हर महीने आपके द्वारा किए जाने वाले हर तरह के खर्च यानी वेरिएबल, फिक्स्ड और डिस्क्रिशनरी खर्च को ध्यान में रखते हुए एक मासिक बजट बनाएं. ये प्रैक्टिस शुरुआत में थोड़ी मुश्किल लग सकती है लेकिन इसको अपने जीवन में शामिल करें. इसके अलावा, एक और महत्वपूर्ण प्रैक्टिस है अपने पूरे साल होने वाले खर्चों के साथ इंटरमिटेंट एक्सपेंस का एक वार्षिक बजट बनाना है. इंटरमिटेंट एक्सपेंस वो होते हैं जो बार बार खर्च नहीं किए जाते हैं जैसे कि घर या कार खरीदना आदि. इसलिए, वार्षिक बजट बनाना जरूरी हैं ताकि यह साफ हो सके कि इस खर्च को पूरा करने में सक्षम होने के लिए आपको हर महीने कितनी बचत करने की जरूरत है. हमेशा यह सलाह दी जाती है कि एक बार जब आप बजट बना लें तो सुनिश्चित करें कि आप हर महीने उस पर टिके रहें.
निवेश करने से पहले एक गोल्डन रूल है “अपने सभी अंडे एक टोकरी में न रखें” फाइनेंशियल प्लानिंग के संदर्भ में इसका मतलब है कि अपना इन्वेस्टमेंट कई तरह के प्लान स्कीम और इन्वेस्टमेंट ऑप्शन में करें. इसके पीछे सबसे बुनियादी तर्क यह है कि यदि आपका एक इन्वेस्टमेंट फेल हो जाता है, तो दूसरा उसके नुकसान की भरपाई कर सके. आपके इन्वेस्टमेंट में डायरेक्ट इक्विटी, डेट म्यूचुअल फंड, इक्विटी म्यूचुअल फंड, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट, गोल्ड आदि शामिल होना चाहिए. यह एक आइडियल पोर्टफोलियो है. आपका एसेट एलोकेशन तीन बातों को ध्यान में रखकर आसानी से किया जा सकता है: कहां निवेश करना है, कैसे निवेश करना है और कितना निवेश करना है. कम उम्र में निवेश शुरू करने की सलाह दी जाती है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ रिस्क उठाने की क्षमता कम हो जाती है.
इमरजेंसी फंड का बहुत महत्व है और यह तब और साफ हो गया है जब दुनियाभर में हर व्यक्ति पर कोविड-19 का संकट आया है. आपके इमरजेंसी फंड का साइज कुछ फैक्टर पर निर्भर करेगा जैसे इनकम, लाइफ स्टाइल, डिपेंडेंट की संख्या, डेट आदि. एक इमरजेंसी फंड के लिए सेविंग करने का थंब रूल है कि आपके पास इतना फंड हो जो आपके 6-7 महीनों के लिए हर महीने खर्च होने वाले फिक्स्ड और वेरिएबल एक्सपेंस को पूरा कर सके. आइडियली, आप अपने पैसे को शॉर्ट टर्म डेट फंड में लगाने के बारे में भी सोच सकते हैं, जिसे किसी भी समय निकाला जा सकता है.
फाइनेंशियल प्लानिंग किसी व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं के हिसाब से बदलती रहती है. लाइफ टाइम फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बनाए रखते हुए जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने से आपको मानसिक शांति मिलती है और ये जीवन जीने का सही तरीका मिलता है.
(लेखक, रचित चावला, CEO और फाउंडर, फिनवे FSC)
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।