Tax Saving: सेक्शन 80C में छूट की सीमा है 1.5 लाख रुपये और इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं कई. कई के लिए तो ये सीमा सिर्फ इंश्योरेंस प्रीमियम और प्रोविडेंट फंड में किए निवेश से ही पूरी हो जाती है. रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए किए निवेश पर 50,000 रुपये का अतिरिक्त फायदा उठा सकते हैं. इसमें काम आता है NPS यानी नेशनल पेंशन सिस्टम. स्कीम आसान है, निवेश होगा रिटायरमेंट के लिए. रिटायरमेंट पर आपको पूरी रकम एक बार में नहीं मिलेगी, 60 फीसदी रकम निकाल पाएंगे और बाकी 40 फीसदी का पेंशन प्लान खरीदना होगा जिससे आपको हर महीने पेंशन मिलेगी.
रिटायरमेंट पर आपको पूरी रकम एक बार में नहीं मिलेगी, 60 फीसदी रकम निकाल पाएंगे और बाकी 40 फीसदी का पेंशन प्लान खरीदना होगा जिससे आपको हर महीने पेंशन मिलेगी.
उससे पहले रकम को निकालना है तो आपको निवेश के 3 साल पूरे होने के बाद ही मेडिकल खर्च, घर खरीदने या बच्चों की पढ़ाई और शादी जैसे खर्च के लिए 25 फीसदी रकम निकालने की इजाजत होगी.
हालांकि, खबरों के मुताबिक, ये प्रस्ताव है कि जिनके NPS खाते में 5 लाख रुपये से कम निवेश है वो मैच्योरिटी पर पूरी रकम निकाल पाएंगे.
इसके अलावा, PFRDA ने नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) के लिए प्रवेश की अधिकतम आयु 65 से बढ़ाकर 70 करने का प्रस्ताव किया है.
NPS निवेश में सेक्शन 80CCD(1B), सेक्शन 80CCD(1) और सेक्शन 80CCD(2) को मिलाकर कुल 2 लाख रुपये की टैक्स छूट ली जा सकती है.
आपके और आपके एंप्लॉयर की ओर से किया गया निवेश सेक्शन 80CCD(1) के तहत क्लेम किया जा सकता है, ये सेक्शन 80C का ही हिस्सा है. सेक्शन 80CCD(1) में आप अपनी सैलरी का अधिकतम 10 फीसदी छूट क्लेम कर सकते हैं.
जो लोग सेल्फ-एंप्लॉयड हैं उनके लिए ये सीमा 20 फीसदी है. वहीं सेक्शन 80CCD (2) के अंतर्गत NPS में आपके एंप्लॉयर द्वारा किया निवेश शामिल है. इसमें बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता के 10 फीसदी का डिडक्शन लिया जा सकता है, ये छूट सेक्शन 80C के 1.5 लाख से इतर है.
वहीं सेक्शन 80CCD (1B) के तहत आप NPS निवेश पर 50,000 रुपये तक का अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन क्लेम (Tax Saving) कर सकते हैं. कुल मिलाकर टैक्स छूट की अधिकतम सीमा हुई 2 लाख रुपये.
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