इस स्कीम में न्यूनतम निवेश 1 ग्राम सोना है. व्यक्तियों या रिटेल निवेशकों के लिए सब्सक्रिप्शन की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम है जबकि अपने ग्राहक को केवाईसी स्टैंडर्ड फिजिकल सोने की खरीद के समान हैं.
Sovereign Gold Bond: अगर आप इस फेस्टिव सीजन में सोना खरीदना चाहते हैं, तो आप Sovereign Gold Bond में भी निवेश कर सकते हैं. यह किश्तों में चलने वाली सरकारी स्कीम है और वित्त वर्ष 22 में इन बांडों की सीरीज VII आज, 25 अक्टूबर को खुल गई है. यह स्कीम 29 अक्टूबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली रहेगी. और इसके सेटलमेंट की तारीख 2 नवंबर निर्धारित की गई है. आइए इसमें निवेश करने से पहले इससे जुड़ी हर जरूर बात को जान लेना चाहिए.
सरकारी स्कीम
वित्त वर्ष 22 सीरीज के तहत, बांड मई 2021 से सितंबर 2021 तक छह चरणों में जारी किए गए थे. बांड सरकार की ओर से रिजर्व बैंक जारी करता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी सिक्योरिटीज हैं, जो सोने के ग्राम में डिनॉमिनेटेड हैं.
ये बांड फिजिकल सोना रखने के ऑप्शन के तौर पर काम करता है. इस स्कीम के तहत, निवेशकों को इश्यू प्राइज नकद में देना होगा और बांड मैच्योरिटी पर नकद में भुनाया जाएगा.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान के मुताबिक इस तरह के बांड चालू वित्त वर्ष में चार और चरणों में जारी किए जाएंगे.
SGB सीरीज VII: इशू प्राइज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइज 4,765 रुपए प्रति ग्राम सोने पर तय किया गया है.
सरकारी स्टेटमेंट के मुताबिक “भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक की सलाह से उन निवेशकों को इश्यू प्राइज से 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट देने का फैसला लिया है जो आवेदन और भुगतान डिजिटल माध्यम से करेंगे.
ऐसे निवेशकों के लिए ‘गोल्ड बॉन्ड’ का निर्गम मूल्य 4,715 रुपए प्रति ग्राम सोना होगा”.
सब्सक्रिप्शन
इस स्कीम में न्यूनतम निवेश 1 ग्राम सोना है. व्यक्तियों या रिटेल निवेशकों के लिए सब्सक्रिप्शन की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम है जबकि अपने ग्राहक को केवाईसी स्टैंडर्ड फिजिकल सोने की खरीद के समान हैं.
कैसे करें निवेश?
ये बांड अनुसूचित कमर्शियल बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), डेजिगनेटेड डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज NSE और BSE के माध्यम से बेचे जाते हैं.
क्या निवेश करना चाहिए?
ऐसे निवेशक जो 8 साल के वास्तविक लॉन्ग टर्म हॉरिजन के लिए सोने में निवेश करना चाहते हैं और फिजिकल सोने में सौदे किए बिना सोने की कीमत में इजाफे का लाभ उठाना चाहते हैं.
हालांकि, पांचवें साल के बाद एक एक्जिट का विकल्प भी मिलता है. इसे अगले ब्याज पेमेंट डेट पर प्रयोग किया जा सकता है. यह ध्यान रखना चाहिए कि मैच्योरिटी तक एसजीबी पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता है.
अगर एक्सचेंजों पर एसजीबी मैच्योरिटी डेट से पहले बेचे जाते हैं, तो कैपिटल गेन लागू दरों पर लगाया जाएगा. साथ ही, SGB से हासिल होने ब्याज निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा.
इशू प्राइज कैसे निर्धारित किया जाता है?
हर ट्रेंच का इश्यू प्राइज रुपए में तय किया जाता है. जो 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के साधारण औसत से निकाला जाता है.
ये मुंबई स्थित इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा सप्ताह के अंतिम तीन कार्य दिवसों के लिए सब्सक्रिप्शन अवधि से पहले तय किया जाता है.
SGB में निवेश का फायदा
सोने की कीमतें कम हैं जो निवेशकों के लिए कम कीमतों पर अपना आवंटन बढ़ाने का बढ़िया अवसर प्रदान करती हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सालाना ब्याज का भुगतान करते हैं और इसमें टैक्स लाभ भी होते हैं.
निवेशकों को हर साल 2.50% की निश्चित दर पर ब्याज दिया जाता है, जो कि नाममात्र वैल्यू पर अर्ध-वार्षिक रूप से देय है.
Published October 25, 2021, 17:27 IST
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