SIP: कोरोना काल के चैलेंज के बावजूद निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड का आकर्षण कायम है. लोगों का रुझान तेजी से म्यूचुअल फंड में निवेश की ओर तेजी से बढ़ता जा रहा है. म्यूचुअल फंड के सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का पंजीकरण तेज गति से बढ़ रहा है, जिससे शेयर बाजार में भी तेजी देखी जा रही है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2021 में नए एसआईपी खाता का पंजीकरण रिकॉर्ड स्तर पर रहा. सितंबर में रिकॉर्ड 2.68 मिलियन (26.8 लाख) नए एसआईपी खाते खुले हैं, जो औसत से लगभग 2.5 गुना अधिक हैं.
AMFI के मुताबिक, सितंबर में एसआईपी के जरिये 10,351.3 करोड़ का शुद्ध निवेश हुआ है वहीं मार्च 2020 में एसआईपी में 8641 करोड़ रुपए का निवेश आया था.
उसी माह कोरोना से बचने के लिए सरकार ने लॉकडाउन लगाया गया था. तब से अब तक लगभग 20 फीसदी के बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के सीईओ एन एस वेंकटेश ने बताया कि एसआईपी में रिकॉर्ड प्रवाह के कारण एयूएम (ऐसेट्स अंडर मैनेजमेंट) में बढ़ोतरी हुई.
एसआईपी में निवेश पिछले पांच वर्षों में वार्षिक आधार पर 22.8% की दर से बढ़ा है. इससे लगता है कि लोगों का भरोसा अब म्यूचुअल फंड में निवेश पर कायम है.
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही एसआईपी खातों में निवेश के लिए टिकट का शुल्क औसत 2,305 रुपए था, जिसे अब कम कर दिया गया है.
दरअसल अब नए एसआईपी पंजीकरण टिकट को डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा भी लिया जा सकता है जहां नए निवेशकों के लिए टिकट का शुल्क 500 से कम हो गया है.
एएमएफआई के मुताबिक, इक्विटी-लिंक्ड फंड से लगभग 90% एसआईपी खाते जुड़े होते हैं. इसका मतलब है कि एसआईपी प्रवाह के माध्यम से लगभग 50,807 करोड़ ने इक्विटी बाजार में प्रवेश किया है.
म्यूचु्अल फंड्स से जुड़े जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में उछाल ही लोगों को इक्विटी फंड की ओर आकर्षित कर रहा है.
पहली बार सितंबर में सेंसेक्स ने 60,000 का स्तर छुआ था और इस तेजी के साथ ही निवेशकों का रुझान म्यूचुअल फंड में निवेश की ओर बढ़ा. अगर बाजार में तेजी इसी तरह बनी रही तो आगामी महीनों में एक नया रिकॉर्ड दर्ज होगा.
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