Retirement Planning: 60 साल की उम्र को रिटायरमेंट की उम्र माना जाता है, अक्सर लोग इससे पहले ही रिटायरमेंट को लेकर प्लानिंग करते हैं. कई लोग तो 45 साल की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं. खासकर वो लोग जिन्होंने कम उम्र में ही कमाना शुरू किया है, वो जल्दी रिटायर होना चाहते हैं. अगर आप जल्दी रिटायरमेंट और आरामदायक जिंदगी चाहते हैं तो आपको अच्छा बड़ा रिटायरमेंट फंड चाहिए होगा. इसलिए मान लेते हैं कि 45 साल की उम्र में रिटायर होने के लिए 5 करोड़ रुपये का फंड काफी रहेगा.
हम अनुमान लगाते हैं कि एक शख्स जिसने 23-24 साल की उम्र में कमाना शुरू कर दिया है. इसक मतलब है कि उसे 5 करोड़ का फंड जमा करने में 21-22 साल लगेंगे.
इस लक्ष्य को हासिल करना काफी कठिन है, खासकर तब जब सबी डेट इंस्ट्रूमेंट्स की ब्याज दर 10 फीसदी से नीचे आ गई है. इस वक्त फायदा इक्विटी मार्केट और इक्विटी लिंक्ड म्यूचुअल फंड्स में है.
लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक व्यक्ति कई इक्विटी आधारित इंस्ट्रूमेंट्स जैसे रिस्क से जुड़े इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड्स, इक्विटी मार्केट और नेशनल पेंशन सिस्टम और एनपीएस आदि निवेश करते हैं.
प्रोफेशनल फाइनेंशियल प्लानर नीलोत्पल बनर्जी के मुताबिक “जितना जल्दी आप शुरुआत करते हैं, उतना ही ज्यादा निवेश पर रिटर्न आपको हासिल होता है.
वो लोग जो जल्दी रिटायरमेंट प्लान कर रहे हैं, उन्हें एक बड़ा रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए लंबे वक्त तक निवेश करना होगा ताकि उन्हें कंपाउंडिग का फायदा मिल सके. इन्हीं की मदद से वो लोग 45 साल तक की उम्र तक 5 करोड़ का फंड जमा कर पाएंगे.”
बनर्जी ने कहा “45 साल तक की उम्र में 5 करोड़ का फंड जमा करने के लिए म्यूचुअल फंड सबसे महत्वपूर्ण इंस्ट्रूमेंट है. ऐसे व्यक्ति को हाई रिस्क पर आधारित म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना होगा. इन फंड्स पर रिटर्न के वक्त आमतौर पर 13 से 16 फीसदी तक का मुनाफा होता है.”
इस बड़े फंड को जमा करने के लिए व्यक्ति को हर महीने 20 हजार रुपये एसआईपी के जरिए ओपन एंडेड इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड्स में 22 सालों के लिए लगाने होंगे. अगर इन पर 13 फीसदी का भी रिटर्न मिलता है तो 22 साल में आप 3.1 करोड़ रुपये का फंड जमा कर पाएंगे.
सुरक्षित रिटायरमेंट के लिए म्यूचुअल फंड के अलावा नेशनल पेंशन स्कीम या NPS में पैसा निवेश कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक व्यक्ति को हर महीने 15 हजार रुपये 22 साल तक निवेश करने होंगे.
एक युवा निवेशक के तौर पर, व्यक्ति अपने मासिक फंड का 75% इक्विटी में और बाकी बचा कॉरपोरेट और सरकारी बॉन्ड में निवेश कर सकता है.
इससे निवेशक को 11% सालाना रिटर्न दर पर 1.7 करोड़ रुपये हासिल हो सकते हैं, जिसमें से 65 लाख रुपये मासिक पेंशन के लिए अलग रखे जाएंगे. और बाकी 1.05 करोड़ रुपये सेवानिवृत्ति के पहले दिन से मिल जाएंगे.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड भी निवेश करने का एक दूसरा विकल्प हो सकता है. पीपीएफ 15 साल के लॉक इन पीरियड के साथ आता है. ये केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही गारंटीड स्कीम है, जो लॉन्ग टर्म में 7.1 फीसदी सालाना कंपाउंड ब्याज के साथ आपको रिटर्न देगा.
डिपॉजिटर इसके तहत अपने निवेश को और 5 साल के ब्लॉक में विस्तार दे सकते हैं. ये सुविधा शुरुआती 15 साल के लॉक इन पीरियड के बाद मिलेगी.
अगर कोई व्यक्ति हर साल 1.5 लाख रुपये पीपीएफ अकाउंट में 23 साल के लिए जोड़ता है तो उसे 7.1 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से 87 लाख रुपये मिलेंगे.
उस व्यक्ति को सिर्फ 34 लाख रुपये जोड़ने होंगे और उसे 53 लाख रुपये ब्याज के रूप में मिलेंगे. ये रकम पूरी तरह टैक्स फ्री होगी.
इनकम टैक्स एक्सपर्ट अरविंद अग्रवाल के मुताबिक पीपीएफ के जरिए निवेश करके कोई भी व्यक्ति लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल्स हासिल कर सकता है.
इन तीन निवेश के विकल्पों के साथ कोई भी व्यक्ति 3.1 करोड़, 1.05 करोड़ और 87 लाख रुपये का फंड जुटा सकता है.
45 साल तक इन विकल्पों में निवेश करके आप रिटायरमेंट से पहले 5.02 करोड़ का एक मजबूत फंड जमा कर सकते हैं. इसके अलावा एनपीएस के जरिए 25000 रुपये महीने की पेंशन भी हासिल होगी.
अग्रवाल ने कहा कि “45 साल में रिटायर होने और इतना बड़ा फंड जमा करने के लिए आपको हर महीने 48 से 50 हजार रुपये का निवेश करना होगा.
इसका मतलब है कि आपकी सैलरी कम से कम 75 हजार रुपये महीने होनी चाहिए. वरना ऐसा करना बेहद मुश्किल होगा. अगर कोई व्यक्ति 50 साल की उम्र में इस लक्ष्य को हासिल करना चाहता है तो उसके लिए ये थोड़ा आसान हो जाएगा.”
बनर्जी ने कहा कि “अगर व्यक्ति को किसी भी तरह के लोन का भुगतान नहीं करना है तो इस फंड को बना पाना आसान है.
लेकिन अगर आप किसी होम लोन, पर्सनल लोन या कार लोन को चुका रहे हैं तो इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपकी सैलरी 1 लाख रुपये होनी चाहिए. जो किसी भी फ्रेशर व्यक्ति के लिए नामुमकिन सी है, कुछ विशेष वर्ग को छोड़कर. इसलिए 5 करोड़ का फंड बनाना थोड़ा मुश्किल लक्ष्य है.”
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