PF: अब आपके पास कई एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) अकाउंट हो सकते हैं. हाल ही में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने एक नोटिस जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कुछ मामलों में एक व्यक्ति के पास कई PF अकाउंट हो सकते हैं. दूसरा PF अकाउंट खोलने के लिए क्या क्राइटेरिया है और इसके क्या फायदे हैं? Money9 आपके इन सभी सवालों के जवाब लेकर आया है.
31 अगस्त, 2021 को CBDT ने एक्सेस EPF कंट्रीब्यूशन पर इंटरेस्ट के टैक्सेशन के संबंध में नए नियम लाया है. नए नोटिफिकेशन के अनुसार, टैक्सेबल इंटरेस्ट की कैलकुलेशन करने के लिए, सेपरेट अकाउंट को प्रोविडेंट फंड अकाउंट के अंदर वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान मेंटेन किया जाएगा.
इसका मतलब है कि यदि किसी व्यक्ति का PF कंट्रीब्यूशन एक फाइनेंशियल ईयर में 2.5 लाख रुपये (प्रति माह 20,000 रुपये से अधिक) की सीमा को पार करता है, तो वो दूसरा अकाउंट खोलने के लिए एलिजिबल है.
लेकिन जो अमाउंट दूसरे अकाउंट में जमा होगा उस पर टैक्स राहत नहीं लगेगी. लेकिन यह समान इंटरेस्ट रेट (8.5%) कमाना जारी रखेगा.
अगर आप इस हाई नेट वर्थ कैटेगरी में आते हैं तो आप दूसरा PF अकाउंट खोलने के लिए एलिजिबल हैं. जबकि पहला या प्राइमरी अकाउंट इंटरेस्ट कमाना और टैक्स राहत को जारी रखता है, दूसरे अकाउंट पर इंटरेस्ट मिलेगा लेकिन टैक्स रिलीफ नहीं.
नया नियम FY22 से लागू होगा. यदि आपका EPF अकाउंट एम्पलॉयर कंट्रीब्यूशन नहीं लेता है, तो लिमिट 2.5 लाख रुपये की जगह पर 5 लाख रुपये होगी.
PF अकाउंट का सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा ग्रॉस कंट्रीब्यूशन होने पर टैक्सेबल कंट्रीब्यूशन वाला दूसरा EPF अकाउंट अपने आप खुल जाएगा.
31 मार्च, 2021 तक किसी व्यक्ति द्वारा किए गए किसी भी कॉन्ट्रीब्यूशन को नॉन-टैक्सेबल कंट्रीब्यूशन माना जाएगा. इसके अलावा FY 2021-22 से इन दोनों EPF अकाउंट पर अलग-अलग इंटरेस्ट कैलकुलेट किया जाएगा.
लेकिन अगर आपका PF कंट्रीब्यूशन एक साल में 2.5 लाख रुपये से कम है तो आपको एक को छोड़कर सभी PF अकाउंट को बंद करना होगा. यह आपके बेसिक या प्राइमरी PF अकाउंट में बदल जाएगा.
एक व्यक्ति के पास अलग-अलग वजहों से कई PF अकाउंट हो सकते हैं, लेकिन UAN के इंट्रोडक्शन के बाद अब ये अच्छी प्रैक्टिस नहीं है.
इसके अलावा कई EPF अकाउंट बहुत सारे बेनिफिट नहीं देते हैं, जैसे टैक्स हॉलिडे, लोन फैसिलिटी, विड्रॉल फैसिलिटी आदि.
इनकम टैक्स एक्सपर्ट अरविंद अग्रवाल ने कहा, “यदि कोई एम्प्लॉई नौकरी बदलने के बाद अपने EPF अकाउंट को ट्रांसफर नहीं कर पाता है, तो वो EPF अकाउंट की कंटिन्यूटी खो देगा.
EPFO, EPS स्कीम के तहत ग्राहकों को पेंशन बेनिफिट देता है जिसके लिए EPF अकाउंट में कम से कम 15 साल लगातार कंट्रीब्यूट करने की आवश्यकता होती है.”
अग्रवाल ने कहा, “नौकरी बदलने के समय एक व्यक्ति को EPF अकाउंट को ट्रांसफर करना होगा. उस EPF अकाउंट को नए UAN के साथ लिंक करके ऐसा करना चाहिए.
यह एम्प्लॉई को EPF अकाउंट की निरंतरता बनाए रखने में मदद करेगा वरना व्यक्ति निरंतरता खो देगा”
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