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सही फाइनेंशियल प्लानिंग करके आप अपनी जीवन शैली में बदलाव किए बगैर ही बच्चों के भविष्य और उनकी जरूरतों के लिए बड़ी रकम जमा कर सकते हैं.
इस तरह रिटर्न परसेंटेज प्रभावित हो सकता है, इसलिए गिरते मार्केट में एकमुश्त निवेश करना हमेशा आइडियल होता है.
वार्षिक रिटर्न इस बात का पैमाना है कि किसी निवेश ने एक साल में कैसा प्रदर्शन किया, पूर्ण रिटर्न सभी निवेशों के लिए सफलता का पैमाना है.
BSE रियल्टी इंडेक्स ने पिछले एक महीने में 25% से ज्यादा का रिटर्न दिया है, नियर टर्म में एक या दो महीने के लिए कुछ कंसोलिडेशन की संभावना है.
आप अपने पैसे को बाजार के खतरों से बचाने में भी सक्षम होते है और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट आपके मुनाफे को बढ़ाने में भी सहायता करता है.
मैच्योरिटी पर मिले अमाउंट की टैक्सेबिलिटी दो फैक्टर हैं जिन्हें हर टैक्सपेयर को इन्वेस्टमेंट स्कीम चुनने से पहले चेक करना चाहिए.
Financial Planning: बड़ी संख्या में लोगों ने फाइनेंशियल प्लानिंग में निवेश किया है लेकिन अपनी अचानक प्लानिंग को नजर अंदाज करते हुए.
फैक्टर्स इन्वेस्टिंग से पोर्टफोलियो के परिणामों में सुधार, वोलैटिलिटी को कम करने और डायवर्सिफिकेशन को बढ़ाने में मदद मिल सकती है.
इस फैक्ट को ध्यान में रखते हुए कि एजुकेशन की महंगाई दर बहुत ज्यादा है, एक ऐसा इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट चुनना जरूरी है.
रिटर्न के मामले में स्मॉल-कैप सबसे आगे हैं, इसी कारण निवेशक इसमें पैसा लगाने को तैयार हैं. जहां रिटर्न ज्यादा है, वहां रिस्क भी ज्यादा होता है.