माता-पिता अपने बच्चों की जिंदगी बनाने, अच्छी शिक्षा देने, भव्य शादी करने के लिए हर तरह का बलिदान देने को तैयार रहते हैं. साल बीतने के साथ चीजें मुश्किल होती जा रही हैं. शिक्षा भी हर दिन महंगी होती जा रही है. अगर आपके पास सही फाइनेंशियल प्लानिंग है, तो आपको अपने बच्चों की लक्ष्य की प्राप्ति के लिए, अपने जीवन शैली या जरूरतों का बलिदान नहीं करना होगा. बच्चों के भविष्य की ज़रूरतों को देखते हुए, आपको कुछ कदम उठाने होंगे.
बड़ी रकम जमा करने का ख्वाब बुरा नहीं हैं, मगर उसे पाना भी आसान नहीं है. बड़ी रकम जमा करने के लिए आपको जितनी जल्दी हो सके निवेश शुरू करना होगा. अगर आप निवेश जल्द शुरू करते हैं, तो आपको चक्रवृद्धि ब्याज (कंपाउंड इंटरेस्ट) का फायदा मिलता है. अगर आप इक्विटी में निवेश करते हैं, जिसमें लगातार उतार चढ़ाव होता है, तो लंबी अवधि के कारण आप जोखिम से बच जाते हैं. बच्चों के जन्म से ही निवेश शुरू करने पर ज़रूरत के वक्त बड़ी रकम हासिल होती है.
आपको सबसे पहले ये आकलन करना होगा कि शिक्षा और भव्य शादी जैसे लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपको कितने पैसे की जरूरत है. इस दौरान आपको बढ़ती मुद्रास्फीति यानी महंगाई का भी ध्यान रखना होगा और एक अनुमानित लक्ष्य बनाना होगा. आपको पता है कि कितने वक्त के बाद आपको कितने पैसे की जरूरत होगी तो आप एक लगातार निवेश की योजना बना सकते हैं. अगर आप लक्ष्य का आकलन सही नहीं करते हैं और पैसे बचाते हैं तो आपको बच्चों की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने घर खरीदने के पैसे या रिटायरमेंट के पैसे का भी इस्तेमाल करना पड़ सकता है. इसका आपके और आपके परिवार की फाइनेंशियल प्लानिंग पर लंबे समय में बुरा असर पड़ेगा.
आपको अपना पैसा स्टॉक, बॉण्ड और सोने में अलग-अलग जगह निवेश करना चाहिए. एक एसेट क्लास या जगह ज्यादा पैसा नहीं निवेश करना चाहिए. शुरुआती दिनों में फ्लेक्सी कैप इक्विटी फण्ड के माध्यम से स्टॉक में लगाया जा सकता है. बाकी पैसों को पारंपरिक और मार्केट लिंक्ड फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश करना चाहिए. जब आप अपने लक्ष्य के करीब आ जाएं, तो इक्विटी जैसे जोखिम भरे निवेश से बचें. पारंपरिक फिक्स्ड इनकम विकल्प में फिक्स्ड डिपाजिट और लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना आते हैं जबकि मार्किट लिंक्ड फिक्स्ड इनकम विकल्प में बॉन्ड में निवेश किया जाता है. कुछ निवेश गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स ( ETFS ) या गोल्ड सेविंग फंड्स और गोल्ड बॉण्ड में भी करना चाहिए. इससे पोर्टफोलिओ में विविधता आती है. अगर एक निवेश खराब भी हो जाए तो दूसरे से उसकी भरपाई हो जाती है.
आपको लगता है कि भविष्य में आपका बच्चा पढ़ने के लिए विदेश जाएगा तो आपको कुछ विदेशी मूचुअल फंड्स में भी निवेश करना चाहिए. ये आपको डॉलर के प्रति रुपये के कमजोर होने से बचाएगा. नहीं तो उतने ही डॉलर के लिए आपको ज्यादा रुपये देने होंगे. आप डॉलर में ही निवेश करते हैं, तो आप इस जोखिम से बच जाते हैं.
भविष्य का किसी को नहीं पता. ऐसे में पेरेंट्स को अपना बीमा करना चाहिए जिससे उसके नहीं भी रहने पर भी उसके आश्रितों को अपनी पुरानी जीवनशैली बनाए रखने में आसानी हो.
आपको ये सब बहुत पेचीदा लग रहा है तो प्रोफेशनल की मदद लें. एक फाइनेंशियल प्लानर से अपने लिए वित्तीय योजना तैयार करवाएं. इससे आपको आगे का रास्ता साफ दिखेगा. अपने वितीय योजना की समीक्षा समय समय पर करते रहें और ज़रूरत के मुताबिक बदलाव करते रहें.
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