NPS vs APY: रिटायरमेंट जीवन की वो स्टेज है जो हमारे काम करने और कमाने वाले जीवन से बिल्कुल अलग है. कई लोगों के लिए रिटायरमेंट का मतलब है की अब उनमें कमाने की क्षमता नहीं है. इसी लिहाज से लोग सालों पहले से अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करने लगते हैं ताकि अपने रिटायरमेंट के दिनों को सुकून से जी सके. रिटायरमेंट के लिए सेविंग करने के लिए कई साधन हैं. एक रिटायर्ड आदमी आमतौर पर फाइनेंशियल रिस्क नहीं लेना चाहता और गारंटीड रिटर्न को प्राथमिकता देता है.
सरकार के दो पॉपुलर पेंशन प्लान हैं- नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY). दोनों स्कीम को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा रेगुलेट किया जाता है और दोनों स्कीम में कॉन्ट्रीब्यूशन सेक्शन 80 CCD (1) के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक टैक्स-डिडक्टिबल है. कोई अपनी पसंद के आधार पर किसी एक को चुन सकता है.
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) सरकार की रिटायरमेंट कम इन्वेस्टमेंट स्कीम है. इस स्कीम के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने लिए एक बड़ा कॉर्पस बना सकता है. ऑर्म्ड फोर्स स्टाफ, प्राइवेट, पब्लिक और अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर को छोड़कर सरकार में काम करने वाले कर्मचारी इस योजना की सदस्यता ले सकते हैं. 60 साल की उम्र के बाद कोई भी व्यक्ति निवेश की गई रकम का 60 फीसदी निकाल सकता है. बाकी 40% का इस्तेमाल ग्राहक को एन्युटी प्रोवाइड करने के लिए किया जाता है.
अटल पेंशन योजना (APY) सरकार द्वारा प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसे 2015 में लॉन्च किया गया था. सभी बैंक अकाउंट होल्डर इस योजना में शामिल हो सकते हैं, जो न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम 5,000 रुपये प्रति माह की पेंशन ऑफर करती है. यह 60 साल की उम्र के बाद गारंटीड पेंशन ऑफर करती है.
कुछ समानताओं के बावजूद, NPS और APY एक दूसरे से कुछ अलग हैं. इन दोनों के बीच के कुछ प्रमुख अंतर: आयु सीमा: NPS में एंट्री की न्यूनतम उम्र 18 साल है जबकि अधिकतम 70 साल है. वहीं अटल पेंशन योजना में एंट्री की न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 40 साल है.
एलिजिबिलिटी: NPS उन निवेशकों को अनुमति देता है जो भारत के नागरिक हैं और साथ ही NRI भी इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं. दूसरी ओर, अटल पेंशन योजना केवल निवासी भारतीय नागरिकों के लिए खुली है.
गारंटीड रिटर्न: जबकि NPS रिटायरमेंट के बाद पेंशन की गारंटी नहीं देता है, APY सब्सक्राइबर को आजीवन पेंशन, सब्सक्राइबर की मृत्यु के बाद जीवनसाथी को आजीवन पेंशन का ट्रिपल बेनिफिट ऑफर करती है. इसके अलावा, उन दोनों की मृत्यु के बाद, पूरी राशि नॉमिनी को रिटर्न कर दी जाती है.
पार्शियल विड्रॉल: पार्शियल विड्रॉल के लिए, NPS में कुछ स्पेसिफिक कंडीशन को पूरा करना होता है. आप 60 साल की उम्र से पहले कॉर्पस का अधिकतम 20% निकाल सकते हैं. अटल पेंशन योजना के तहत आपको अवधि समाप्त होने से पहले निवेश किए गए धन को वापस लेने की परमीशन नहीं होगी. केवल निवेशक की मृत्यु, या गंभीर बीमारी की स्थिति में, अर्जित शेष राशि को जल्दी निकालना संभव है.
रिस्क फैक्टर: APY स्कीम में कॉन्ट्रीब्यूशन केवल गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में एक स्पेसिफिक तरीके से एलोकेट किया जाता है. दूसरी ओर, NPS में निवेश किए गए फंड को चार तरह के फंडों में निवेश किया जाता है: अल्ट्रा-सेफ, कंजरवेटिव, बैलेंस्ड और एग्रेसिव. इसे इक्विटी और बॉन्ड में निवेश किया जाता है. निवेशक अपनी रिस्क उठाने की कैपेसिटी के अनुसार फंड के बारे में निर्णय ले सकता है.
मैच्योरिटी विद्ड्रॉल: APY 60 साल की उम्र के बाद गारंटीड पेंशन ऑफर करती है. जबकि, NPS के मामले में, यह आवश्यक है कि मैच्योर्ड अमाउंट का 40% एन्युटी में निवेश किया जाए.
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