MahaRera: रियल स्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) ने राज्य के सभी रियल एस्टेट डेवलपर्स को कहा कि कोई भी परियोजना लॉन्च करने से पहले प्राधिकरण के साथ पंजीकृत करना जरूरी है. महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (MahaRera- Maharashtra Real Estate Regulatory Authority) ने सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए यह घोषणा की है. महारेरा के इस कदम का उद्देश्य रियल एस्टेट बाजार में पारदर्शिता लाना है.
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक इसकी जानकारी पहले से ही सेंट्रल रजिस्ट्री ऑफ सिक्योरिटाइजेशन एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट ऑफ इंडिया (सीईआरएसएआई) के पास उपलब्ध है, जो इस तरह के डेटा की रजिस्ट्री के संचालन और रखरखाव के उद्देश्य से एक केंद्र सरकार की एजेंसी है.
वित्तीय संपत्तियों के पुनर्निर्माण और सुरक्षा ब्याज अधिनियम (सरफेसी अधिनियम) के प्रवर्तन के तहत सीईआरएसएआई का उद्देश्य ऋण धोखाधड़ी को रोकना है. जैसे की अक्सर देखा जाता है कि एक ही संपत्ति पर विभिन्न बैंकों से लोन ले लिया जाता है.
प्रॉपर्टी खरीदार को हर बात की जानकारी होना चाहिए
सीईआरएसएआई के पास अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए 22 जनवरी 2016 से बनाए गए सुरक्षा हितों के संबंध में और 1 जुलाई 2016 से इसके साथ पंजीकृत अन्य सभी संस्थाओं के डेटा है.
जून 2017 से इसने निर्माणाधीन आवासीय और वाणिज्यिक संपत्ति में सुरक्षा हित पर डेटा का पंजीकरण शुरू किया है. महारेरा ने अब यह स्पष्ट कर दिया है कि घर खरीदारों और आवंटियों को भी अचल संपत्ति परियोजनाओं और अपार्टमेंट पर बनाए गए ऐसे सुरक्षा हितों के बारे में पता होना चाहिए.
दरअसल कई बार ऐसा होता है कि घर के खरीदार उस घर के गिरवी या ऋण की स्थिति की जानकारी के बिना संपत्ति खरीद लेते हैं और इसके बाद उन्हें कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं.
क्यों देना होगा वचन पत्र?
रियल्टी डेवलपर्स को अब प्राधिकरण के साथ परियोजना को पंजीकृत करते समय एन्कम्ब्रेन्स सर्टिफिकेट के साथ रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में बनाए गए सुरक्षा हितों पर सेंट्रल रजिस्ट्री ऑफ सिक्योरिटाइजेशन एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट ऑफ इंडिया से एक रिपोर्ट जमा करनी होगी.
यदि कोई सुरक्षा नियम नहीं बनाया गया है तो डेवलपर को इसकी पुष्टि करने वाला एक वचन पत्र देना होगा. डेवलपर से यह भी आशा की जाती है कि जब वह बनाए गए सुरक्षा हितों में परिवर्तन करता है तो वह सेंट्रल रजिस्ट्री ऑफ सिक्योरिटाइजेशन एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट ऑफ इंडिया रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा.
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