KVP or PPF: किसान विकास पत्र (KVP) या पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF).अक्सर निवेशक उलझन में पड़ जाते हैं कि दोनों में से निवेश करने के लिए कौन सा साधन बढ़िया रहेगा.
अपनी-अपनी जगह पर दोनों के फीचर्स अच्छे हैं. आज हम इससे जुड़ी तमाम उलझनों को दूर करेंगे, जिससे आप अपनी जरूरत के हिसाब से बेहतर फैसला ले सकें.
इसमें निवेश करने वाले की उम्र कम से कम 18 साल होना जरूरी है. हालांकि योजना में नाबालिग भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन इसकी देखरेख उनके पेरेंट्स को करनी होगी.
सिंगल अकाउंट के अलावा जॉइंट अकाउंट की भी सुविधा है. किसान विकास पत्र बचत स्कीम में इस समय 6.9% ब्याज मिल रहा है.
अगर आप अपना निवेश निकालना चाहते हैं तो आपको कम से कम 2.5 साल का इंतजार करना होगा. इसमें ढाई साल का लॉक इन पीरियड रखा गया है.
किसान विकास पत्र में निवेश करने की कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है. हालांकि आपका न्यूनतम निवेश 1000 रुपये का होना चाहिए. इसके तहत जमा राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर छूट मिलती है.
पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर फिक्स नहीं होती है. यह 10 साल के सरकारी बॉन्ड के यील्ड से जुड़ी होती है. ब्याज दर रोजाना आधार पर नहीं बदलती है. बजाय इसके ब्याज दर को तिमाही की शुरुआत में फिक्स किया जाता है.
पिछले तीन महीने की औसत बॉन्ड यील्ड के आधार पर इसे तय करते हैं. इसमें अभी 7.1% ब्याज मिल रहा है. स्कीम के तहत अकाउंट बैंक या पोस्ट ऑफिस में कहीं भी खोला जा सकता है.
इसके अलावा इसे किसी भी बैंक में या किसी भी पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी किया जा सकता है. खाता केवल 500 रुपये से खोला जा सकता है.
इस अकाउंट में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपये ही जमा किए जा सकते हैं. यह स्कीम 15 साल के लिए है, जिससे बीच में रकम नहीं निकाली जा सकती है, लेकिन इसे 15 साल के बाद 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.
इसे 15 साल के पहले बंद नहीं किया जा सकता है, लेकिन 3 साल बाद से इस अकाउंट के बदले लोन लिया जा सकता है. अगर कोई चाहे तो इस अकाउंट के 7वें साल से नियमों के तहत पैसा निकाल सकता है.
इस योजना में निवेश के जरिए 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स की छूट का लाभ लिया जा सकता है.
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