भारतीय घरों में सोने का अपना ही महत्व है. भारतीय परंपरा में इसे सुरक्षित निवेश के तौर पर देखा जाता है. हालांकि, सोना खरीदने के तरीके और समय को लेकर लोग अक्सर कंफ्यूज रहते हैं. किस कीमत पर इसे खरीदा जाए? आने वाले दिनों में इसकी कीमत क्या होगी? ऐसे सवाल बने रहते हैं. हम यहां आपको इससे जुड़ी कुछ सलाह दे रहे हैं।
सही कीमत का इंतजार
कुछ लोग कीमतों में कमी आने का इंतजार करते हैं. जिसकी वजह से देरी हो जाती है. उतार-चढ़ाव को लेकर चिंतित न हों. इसी के जरिए सोना आपको रिटर्न देता है. यदि सोने की कीमत स्थिर रहेगी तो आपको रिटर्न भी हासिल नहीं होगा. एसआईपी की तरह सोने पर निवेश करते रहें. एक समय बाद आपको औसत कीमत प्राप्त हो जाएगी.
निवेश व्यापक होगा
सोने पर निवेश से आपका निवेश व्यापक होता है. यदि आपके निवेश पोर्टफोलियो में शेयर जैसा जोखिम वाला उत्पाद है तो आपको सोने पर निवेश करना चाहिए. बहुत अधिक उतार-चढ़ाव के दौरान यह बीमा की तरह काम करता है. यदि आपके पोर्टफोलियो में 10 से 15 फीसदी सोना है तो और अधिक बेहतर हो जाता है.
नियमित रिटर्न की उम्मीद
सोने को निश्चित आय का विकल्प न मानें. जैसे बॉन्ड वगैरह में निश्चित रिटर्न मिलता है, वैसा सोने पर नहीं मिलता. इसकी कीमतें भी हमेशा एक जैसी नहीं रहतीं. निवेशकों अनियमित रिटर्न के प्रति तैयार रहना चाहिए.
महंगाई को नजरअंदाज न करें
असल में सोने की कीमतें बड़े आर्थिक परिदृश्य के मुताबिक, चढ़ती-उतरती हैं. यह इंफ्लेशन के खिलाफ सुरक्षा भी मुहैया कराती है. मौजूदा वक्त में महंगाई बढ़ती जा रही है, ऐसे में सोने पर निवेश अच्छा साबित हो सकता है. महंगाई के दौर में सोने की कीमत बढ़ती है.
पोर्टफोलियो को संतुलित करें
यदि आप लंबे समय से सोने पर निवेश कर रहे हैं और आपके पोर्टफोलियो में इसका हिस्सा अधिक हो गया है, तो सोना बेचकर मुनाफा कमाएं और अपने पोर्टफोलियो को संतुलित करें. इसके बाद यदि सोने की कीमत में गिरावट आती है तो सोना खरीदें. इससे आपको सोने में निवेश का फायदा मिलेगा.
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