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ऑल वेदर फंड है आदित्य बिड़ला का बिजनेस साइकिल NFO: महेश पाटिल, CEO, ABSLMF

ABSLMF के CEO महेश पाटिल ने मनी 9 के कंसल्टिंग एडिटर विवेक लॉ के साथ हुई बातचीत में बाजार की मौजूदा स्थिति पर जानकारी साझा की.

  • Money9 Hindi
  • Last Updated : November 16, 2021, 16:20 IST
यहां उद्देश्य वास्तव में यह समझने की कोशिश करना है कि हम इकोनॉमिक साइकिल के किस फेज या साइकिल में हैं. उसके आधार पर, उन सेक्टर्स या बिजनेस में बड़े आवंटन लें
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ABSLMF के सीईओ महेश पाटिल के मुताबिक, बिजनेस साइकिल NFO एक तरह का ऑल वेदर फंड है, जो सेक्टोरल या थीमेटिक आइडिया से परे है.

शॉर्ट नोट

आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड के CEO महेश पाटिल ने मनी 9 के कंसल्टिंग एडिटर विवेक लॉ के साथ हुई बातचीत में बाजार की मौजूदा स्थिति पर जानकारी साझा की. साथ ही बिजनेस साइकिल NFO पर भी विस्तार से बात की. इसे फंड हाउस ने 13 नवंबर को लॉन्च किया.

पेश हैं इस बातचीत के संपादित अंशः

मौजूदा संकेतों के मुताबिक, जब बाजार उठ रहा है तब हर किसी के मन में बड़ा सवाल यह है कि क्या हमारे पास इस रैली में अभी भी कुछ लेगरूम बाकी है जब हम 60-62000 के स्तर को पार कर रहे हैं या हम इन स्तरों पर पहुंचकर थक रहे हैं?

हां, इसमें कोई शक नहीं है कि महामारी के दौरान बाजार अपने निचले स्तर पर पहुंच गया था. पर, पिछले डेढ़ साल में बाजार ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है. और रिकवरी की रफ्तार भी बहुत तेज है. इसी का असर है कि बाजार अपने फंडामेंटल्स के मुकाबले काफी आगे है. ये कभी कभी चिंतित भी करता है कि बाजार से फिलहाल निकल जाना चाहिए या बाजार अभी सबसे ऊपर है.

हम आने वाले कुछ सालों में मजबूत आर्थिक विकास देखेंगे और यही हमें इस स्तर पर भी पॉजिटिविटी देता है. हालांकि कुछ सुधारों की गुंजाइश और है.

जैसे जैसे अर्थव्यवस्था में सुधार होता है और कॉर्पोरेट आय में सुधार होता है, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बाजार और ऊपर जा सकता है. प्रॉफिट के ओवरऑल इफेक्ट देखें तो कॉर्पोरेट प्रोफिट से जीडीपी नंबर्स तक कुछ भी उच्चतम स्तर के पास नहीं है.

कॉरपोरेट प्रॉफिट में सुधार के लिए अब भी पर्याप्त जगह है. इस साल, निफ्टी कंपनियों के लिए हमारी आय में लगभग 35% की वृद्धि होगी और अगर ऐसा होता है, तो बाजार अभी भी और ऊपर जा सकता है.

मैं कहूंगा हम अब भी किसी तरह के बुल मार्केट नहीं है. हम अभी इस बाजार के मध्य में कहीं हैं. इससे पहले कि लॉन्ग टर्म निवेश करने वाले निवेशक चिंता करें उससे पहले कुछ और दूरी तय करना जरूरी है.

क्या होगा अगर लिक्विडिटी टेप बंद हो जाए? इस रैली में शामिल होने वाला बड़ा हिस्सा उसी से आने वाली लिक्विडिटी की वजह से रहा है. अगर वो ही बंद हो गया तो क्या कुछ गलत हो सकता है. हम पहले से ही अमेरिका से आने वाली चर्चाएं सुन रहे हैं?

ये स्वाभाविक है कि बहुत सारा पैसा जो रिस्क एसेट क्लास या इक्विटी में है वो वापस लाया जा सके. लेकिन केंद्रीय बैंक और सरकारें आपको धीरे धीरे ऐसा करने की इजाजत देंगे. वो भी तब जब ग्रोथ नजर आने लगेगी.

जैसे जैसे ग्रोथ नजर आने लगेगी, आप देखेंगे कि लिक्विडिटी में थोड़ी सख्ती आएगी. ब्याज दरें बढ़ेंगी. हां बाजार में जरूर कुछ एडजस्टमेंट होंगे जिनसे कुछ अलग किस्म की प्रतिक्रिया मिल सकती है.

संभवतः आर्थिक विकास और कॉर्पोरेट आय से प्रेरित प्रारंभिक सुधार के बाद.

हम एसआईपीजी में जो बड़ा प्रवाह देख रहे हैं उसके लिए आप किसे श्रेय देते हैं? हमने 10 हजार करोड़ रुपये का मंथली एसआईपी पार कर लिया है. ये पैसा कहां से आ रहा है. आपका आकलन क्या है?

मुझे लगता है ऐसे बहुत से फैक्टर्स हैं जिनकी वजह से डायरेक्ट इक्विटी में बल्कि म्यूचुअल फंड की तरफ भी इक्विटी में आने वाले पैसे में तेजी से वृद्धि हो रही है. इसकी भी कोई वजह रही ही होगी. बहुत से लोग घरों से ही काम कर रहे हैं. जिसकी वजह से शायद उनके पास बाजार को देने के लिए पर्याप्त समय है. कुछ बचतें भी हुई हैं जो इक्विटी बाजार में दिखाई दे रही हैं.

ऐसे समय जब इंटरेस्ट रेट काफी कम है. आप हायर रिटर्न्स की तरफ देख रहे हैं. साथ ही उस शानदार तेजी की तरफ भी जो इस वक्त इक्विटी मार्केट में है.

यदि कोई व्यक्ति इस समय निवेश करना चाहता है तो आप उसे क्या करने के लिए कहेंगे? क्या आप उसे थोड़ा रूकने की सलाह देंगे या आप कहेंगे कि बस अपना एसआईपी शुरू करें? आपकी सलाह क्या होगी?

जाहिर है आप अपने रिस्क प्रोफाइल के आधार पर अपने सही एसेट एलोकेशन से शुरुआत करते हैं. एक बार जब आप एसेट एलोकेशन का फैसला कर लेते हैं तो मैं कहूंगा कि एसआईपी इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है. बेशक, बाजार अपने ऊंचे स्तर पर हैं और ये बहुत महंगा हो सकता है. पर मार्केट का रुख इतनी आसानी से नहीं भांप सकते, है न.

आइए नए फंड ऑफर के बारे में थोड़ी बात करें जो आप ला रहे हैं. यह एक बिजनेस साइकिल एनएफओ है. हम नए इंडेक्स फंड, बैलेंस्ड एडवांटेज फंड आदि के लॉन्च के बारे में सुनते रहते हैं. वास्तव में, हमने पिछले 12 महीनों में वास्तव में कई एनएफओ देखे हैं. यह बिजनेस साइकिल एनएफओ क्या है?

हम अक्सर ऐसे उत्पादों पर नजर रखते हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि कभी न कभी ये इंवेस्टर्स की निगाह में आ सकते हैं. हमने पहले भी ऐसे थीमेटिक या सेक्टर फंड लॉन्च किए हैं जब हमें लगा कि वह बाजार के लिए बिलकुल सही होंगे. उन्होंने अच्छा रिस्पॉन्स भी दिया. इस विशेष फंड के लिए, जो कि बिजनेस साइकिल फंड है, मुझे लगता है कि कोई भी मार्केट टाइमिंग अच्छा है. यह कुछ सेक्टोरल फंड या थीमैटिक फंड के विपरीत एक तरह का ऑल वेदर फंड है.

कोई मार्केट कैप और सेक्टोरल प्रतिबंध नहीं है, केवल एक चीज यह है कि यह अधिक टॉप-डाउन है. टॉप-डाउन का मतलब है कि जब आप एक पोर्टफोलियो का निर्माण कर रहे होते हैं, तो दो हिस्से होते हैं, एक आपका टॉप-डाउन होता है और दूसरा बॉटम-अप अप्रोच होता है. यह फंड मुख्य रूप से मैक्रो टॉप-डाउन दृष्टिकोण से संचालित होगा, जो उस साइकिल से तय होगा जिसमें इकॉनोमी होगी.

इसलिए, हमने देखा है कि अलग अलग क्षेत्र अर्थव्यवस्था के अलग अलग फेजेज में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, इकॉनमी अभी एक्सपान्शन के फेज में हैं. जिसमें हम देखते हैं कि साइक्लिकल सेक्टर, रक्षात्मक क्षेत्रों की तुलना में काफी बेहतर हैं. जबकि जब अर्थव्यवस्था में गिरावट या मंदी होती है तो डिफेंसिव सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. ये एक सामान्य गलती है, जरूरी नहीं कि ऐसा ही हो.

यहां उद्देश्य वास्तव में यह समझने की कोशिश करना है कि हम इकोनॉमिक साइकिल के किस फेज या साइकिल में हैं. उसके आधार पर, उन सेक्टर्स या बिजनेस में बड़े आवंटन लें. और, एक पोर्टफोलियो का निर्माण करें. उसके बाद देखें कि उन क्षेत्रों में कौन से स्टॉक हैं जिन पर पोर्टफोलिया बनाया जा सकता है.

इस तरह से आप अलग अलग सेक्टर्स के अनुसार अपने पोर्टफोलियो को ऑप्टिमाइज कर सकते हैं. मुझे लगता है कि इस तरह का फंड टाइम साइकिल में किसी भी समय अच्छा होता है. क्योंकि ये फंड काफी हद तक उस साइकिल में एडजस्ट करता है जहां हम हैं. यदि आप एक प्रकार के पॉपुलेशन मार्केट हैं तो फंड धीरे धीरे डिफेंसिव हो कर एडजस्ट होना शुरू कर देगा और सही संतुलन बनाएगा. हमारे पास और भी तरह के फंड्स हैं. जहां हमारे पास कुछ तरह की टॉप डाउन एप्रोच हैं. पर, यहां एक प्रमुख कारक हैं जो हमें सही एलोकेशन देगा.

आप एक नियत समय मे कितने सेक्टर्स को देखेंगे? जैसा कि आपने कहा, आपके पास अन्य विविध फंड होंगे और वहां भी आप और आपके फंड मैनेजर डिफ़ॉल्ट रूप से एक बिजनेस साइकिल को पकड़ने की कोशिश कर रहे होंगे. तो, यह इस फंड को आपके पहले वाले फंड से कैसे अलग करेगा?

जितने सेक्टर्स होंगे, उसमें कोई रियल गैप नहीं होगा. ये मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि ये बहुत अच्छे से समझा जा चुका है कि सेक्टर एलोकेशन के मामले में ये फंड थोड़ा ज्यादा केंद्रित होगा. उदाहरण के लिए, अर्थव्यवस्था में एक एक्सपान्शन फेज के दौरान आप नॉन साइक्लिक सेक्टर्स के लिए बड़ा कंसंट्रेशन देखेंगे. यह कमोडिटी सेक्टर हो सकता है, यह कैपिटल गुड्स सेक्टर हो सकता है, यह बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र हो सकता है.

यह फंड किस तरह के निवेशकों के लिए उपयुक्त होगा? क्या आप इसे रिस्क मीटर पर अधिक उच्च-जोखिम वाले फंड में रखेंगे?

मैं यह देखना चाहूंगा कि यह फंड मल्टीकैप फंड या फ्लेक्सी-कैप फंड के समान है और कुछ हद तक विविध भी है. किसी विशेष क्षेत्र में एक विशेष समय में एक कंसंट्रेशन होता है, लेकिन पूरी मार्केट साइकिल में, यह फंड सभी क्षेत्रों में मूव हो जाएगा. आप किसी विशेष क्षेत्र में फिक्सिंग नहीं कर रहे हैं. मुझे लगता है कि यह ज्यादातर निवेशकों के लिए उपयुक्त है, खासतौर से जो अधिक विविध पोर्टफोलियो की मांग कर रहे हैं. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि इसमें कुछ निश्चित समय पर सेक्टर का थोड़ा ज्यादा कंसंट्रेशन होता है, जोखिम भी सामान्य डायवर्सिफाइड फ्लेक्सी कैप फंड की तुलना में थोड़ा अधिक होगा.

निवेशक हमेशा ज्यादा डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो चाहता है. पर, बड़े सेक्टर कंसंट्रेशन के साथ, थोड़े ज्यादा रिस्क पर बेहतर रिटर्न्स की उम्मीद के साथ. अगर आप वो टॉप-डाउन कॉल कर रहे हैं और वो कॉल सही हैं, तो आपको थोड़े बेहतर रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए.

Disclaimer: (This article is created on behalf of Aditya Birla Sun Life Mutual Fund by Studio9 team)

Aditya Birla Sun Life Business Cycle Fund

(An open ended equity scheme following business cycles based investing theme)

NFO Opens: November 15, 2021 NFO Closes: November 29, 2021

1.Name of scheme

Aditya Birla Sun Life Business Cycle Fund (An open ended equity scheme following business cycles based investing theme)

2. This product is suitable for investors who are seeking*:

i) Long term capital appreciation.

ii) An equity scheme investing in Indian equity & equity related securities with focus on riding business cycles through dynamic allocation between various sectors and stocks at different stages of business cycles in the economy.

3. Riskometer

*Investors should consult their financial advisers if in doubt whether the product is suitable for them

The product labelling assigned during the NFO is based on internal assessment of the Scheme characteristics or model portfolio and the same may vary post NFO when the actual investments are made.

Mutual Fund investments are subject to market risks, read all scheme related documents carefully.

Sector disclaimer- The sector(s) mentioned herein do not constitute any research report/recommendation of the same and the Fund may or may not have any future position in these sector(s).

Published - November 16, 2021, 01:12 IST

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  • ABSLMF
  • Aditya Birla MF
  • Business Cycle NFO

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