आपने जहां निवेश किया है वहां से अधिकतम रिटर्न कमाने के लिए आप इंडेक्सेशन (Indexation) का सहारा ले सकते है. टैक्स बचाने का ये कारगर तरीका है. लंबी अवधि के निवेश पर लागू होने वाला इंडेक्सेशन (Indexation) आपको निवेश के खरीद मूल्य को समायोजित करने में मदद करता है. हम इसके बारे में कई बार सुनते है, तो आइए जानते हैं ये क्या है और कैसे काम करता है.
इंडेक्सेशन क्या है?
टैक्स एक्सपर्ट द्वारा उपयोग में लिया जाता शब्द इंडेक्सेशन (Indexation) आपके टैक्स को कम करने का एक तरीका है. इसका इस्तेमाल करके निवेश पर लगी रकम को महंगाई के अनुपात में बढ़ा लिया जाता है. निवेश की रकम ज्यादा होने से आपका केपिटल गेन्स (मुनाफा) कम हो जाता है इसलिए टैक्स भी कम होता है.
महंगाई सूचकांक
इंडेक्सेशन (Indexation) की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभाता है महंगाई सूचकांक यानी Cost Inflation Index (CII). ये बढती महंगाई को बताने वाला सूचकांक है, जिसे सरकार हर साल तय करती है. 2010-11 में CII 167 था, जो 2015-16 में बढकर 254 हुआ औऱ अभी 2020-21 में वो 301 है. यानि, ये सूचकांक महंगाई के साथ चढ़ता जाता है.
इंडेक्सेशन (Indexation) कहां उपयोग में आता है
आप हर जगह इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. सैलरी या कारोबार से होने वाली आय पर टैक्स बेनिफिट लेने में और शेयर मार्केट या शेयर वाले म्यूच्युअल फंड में निवेश से होने वाले मुनाफे पर टैक्स गिनने में इसका इस्तेमाल नहीं होता. जब आपको निवेश के जरिए कमाई होती है तब ये उपयोग में लिया जाता है.
आपने जमीन या प्रॉपर्टी खरीद कर बेची हो या सोना और ज्वैलरी में निवेश किया हो और उसे बेचकर मुनाफा मिल रहा हो तब टैक्स गिनने के लिए इसका इस्तेमाल होता है. अगर आपने थोड़े वक्त के लिए ही पैसा लगाया है तो भी इंडेक्सेशन काम नहीं करेगा. ज्यादातर निवेश में इंडेक्सेशन का फायदा तभी मिलता है जब उसे कम से कम 3 साल बाद बेचा जाए.
इंडेक्सेशन का इस्तेमाल करने की फॉर्मूला
किसी भी निवेश का के कैपिटल गेन्स को जानना है तो हमें बिक्री भाव से लागत भाव को घटाना होता है. यानि, कैपिटल गेन्स = बिक्री मूल्य – लागत मूल्य, लेकिन ये लागत मूल्य को इंडेक्सेशन (Indexation) के साथ गिनने होता है, जिसके लिए हमें नीचे दिए फॉर्मूला का इस्तेमाल करना होगा.
इंडेक्सेशन (Indexation) के बाद लागत मूल्य = लागत मूल्य x (बिक्री के साल का CII / खरीद के साल का CII).
इस फॉर्मूला से जो लागत मूल्य आता है उसे बिक्री मूल्य से घटाने के बाद हमें लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स का पता चलता है.
उदाहरण
आपने 2001-02 में 12 लाख रुपये में फ्लैट खरीदा था, जिसे 2020-21 में 63 लाख रुपये में बेच रहे हैं, यानी 51 लाख रुपये का फायदा हो रहा है तो इस पर टैक्स चुकाना होगा, लेकिन ऐसा नहीं है, यहां आप इंडेक्सेशन (Indexation) का लाभ लेकर मुनाफे को कम कर सकते है. जिसके लिए ऊपर दिए गए फॉर्मूला से गिनती करनी होगी.
यानी, लागत मूल्य = 12 लाख रुपये x (301/100), यानी 36.12 लाख रुपये. (2001-02 का CII 100 था, जो 2020-21 में 301 है.)
अब आपका कैपिटल गेन होगा 26.88 लाख रुपये (63 लाख रुपये – 36.12 लाख रुपये). यानी आपको इस पर टैक्स चुकाना होगा, ना कि 51 लाख रुपये पर.
इस तरह से आप इंडेक्सेशन (Indexation) का लाभ लेकर टैक्स में बड़ा फायदा कर सकते है.
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