निवेशकों का म्यूचुअल फंड के लिए प्रेम बढ़ता ही जा रहा है. सितंबर महीने में इसमें और तेजी आई है. पिछले महीने में म्यूचुअल फंड्स में रिकॉर्ड पंजीकरण हुए हैं. सितंबर में म्यूचुअल फंड में सिस्टेमैटिक रूट से निवेश तिमाही दर तिमाही आधार पर 4.31% बढ़कर रिकॉर्ड 10,351 करोड़ रहा है. इससे पिछले महीने यह आंकड़ा 9,923 करोड़ रुपये था. इससे इंडस्ट्री का AUM भी 36.73 लाख करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जो म्यूचुअल फंड में खुदरा निवेशकों के बढ़ते विश्वास को प्रदर्शित करता है.
घटती ब्याज दरों के कारण, बैंक एफडी, लघु बचत विकल्प, सोना और रियल एस्टेट जैसे कम-लाभ वाले पारंपरिक बचत साधनों की बजाय इक्विटी निवेशकों की पहली पसंद के रूप में उभरी है. निवेश के इस ज्वार के परिणामस्वरूप बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 50% और मार्च 2020 के निचले स्तर से लगभग 125% की बढ़त के साथ 60,000 अंक से ऊपर बंद हो रहा है.
हमारा मानना है कि घरेलू इक्विटी बाजार मजबूत तरलता को देखते हुए बेहतर प्रदर्शन करना जारी रखेगा. आरबीआई की अनुकूल नीति और कोविड से संबंधित प्रतिबंधों में ढील के कारण आर्थिक परिदृश्य में तेजी से सुधार होगा. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के पास उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले महीने खोले गए एसआईपी फोलियो 26 लाख थे. ओपन-एंडेड इक्विटी फंडों में सितंबर में 8,677 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जो इसके पिछले महीने में 8,666 करोड़ रुपये था.
निवेशकों ने महसूस किया है कि समय के साथ धन के निर्माण के लिए व्यवस्थित अनुशासित दृष्टिकोण से बेहतर कुछ भी काम नहीं करता है. एसआईपी विवेकपूर्ण निवेश विकल्पों में से एक है, जो बिना किसी बाधा के अपने वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद कर सकता है. यह निवेशकों को इक्विटी निवेश के साथ आने वाले अस्थिरता व जोखिम को कम करते हुए निवेश की लागत को औसत करने में मदद करता है. शायद सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें अधिक पूंजी की जरूरत नहीं पड़ती है.